क्षेत्रीय
21-May-2024
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....... नर्मदा की जलधारा से अवैध खनन को लेकर सीहोर कलेक्टर,एसपी सहित जिला खनिज अधिकारी को भेजी जा रही चूड़ियां..... नर्मदापुरम (ईएमएस)। संभाग मुख्यालय नर्मदापुरम के सर्किट हाउस, विवेकानंद घाट के सामने नर्मदा नदी की जलधारा के बीच खुलेआम रेत माफियाओ द्वारा 24 घंटे निरंतर ट्रैक्टर ट्रालियों से रेत का अवैध खनन और परिवहन किया जा रहा है। जिससे मां नर्मदा की जलधारा में रहने वाले जीव जंतुओं सहित नर्मदा के अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न होने लगा है। अवगत हो कि नर्मदा नदी का एक किनारा नर्मदापुरम जिला तो दूसरा किनारा पर सीहोर जिला लगता है। नर्मदा पुरम के सर्किट हाउस घाट और विवेकानंद घाट के सामने पल्लेपार का क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा बुधनी का क्षेत्र कहलाता है। जहां पर बीच नदी से रेतासुरो द्वारा अवैध तरीके से रेत का नियम विपरीत उत्खनन किया जा रहा है। जिसको लेकर अब प्रदेश की भाजपा सरकार सहित सीहोर जिला प्रशासन को भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ.अखिलेश खंडेलवाल ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कटघरे में खड़ा किया है। खण्डेलवाल ने रेतासुरो द्वारा मां नर्मदा को छलनी कर गलत तरीके से हो रहे रेत के उत्खनन पर सीहोर जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं करने पर अनोखा विरोध प्रदर्शन करते हुए सीहोर कलेक्टर,सीहोर एसपी एवं सीहोर जिला खनिज अधिकारी को प्रतिदिन दो चूड़ियां भेज कर अपना आंदोलन शुरू किया है। अखिलेश खंडेलवाल का कहना है कि जब तक नर्मदा की जलधारा में अवैध उत्खनन पर कार्यवाही नहीं होगी,तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा और वह प्रतिदिन दो चूड़ियां अधिकारियों को भेजते रहेंगे। उनका कहना है कि माँ नर्मदा जीवित इकाई है, इस बेरहमी से रेत उत्खनन इसके प्रबंधन को खत्म करेगा। प्रशासन को आंखे खोलना होगी। मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण नर्मदा जो जीवन दायनी कहलाती है,कृषि की आवश्यकता पूर्ण कर रही है,नागरिक गणों की प्यास बुझा रही है,घरों को रोशन करने,उद्योग चलाने विद्युत उत्पादन में अपना योगदान नर्मदा देती ही है।निर्माण कार्य हेतु रेत भी उपलब्ध यहीं से हो रही है,परंतु जिस अवैज्ञानिक और अवैधानिक तरीके से तटों से, नर्मदा के अंदर से रेत का उत्खनन हो रहा है,उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा जिम्मेदार अधिकारी चाहे कलेक्टर हो,एसपी हो ,माइनिंग अधिकारी हो सब आंख मूंद कर बैठे हैं। सरकार के बनाये नियमों के पालन की जिम्मेदारी जिले के अधिकारियों की होती है और जब अधिकारी नियमों का पालन नहीं करते हैं तो अराजक तत्वों के हौंसले बुलंद होते हैं । वो बेधड़क होकर अवैध कार्य करते हैं, बड़ी पोकलेन मशीनों से उत्खनन, बीच नर्मदा तक आकर ट्रेक्टर मशीनों से ,पनडुब्बी से चल रहा खनन अति संवेदनशील विषय है। यह नर्मदा की पर्यावरण तंत्र को नष्ट करेगा,करोड़ो लोगो के साथ,सैकड़ो प्रकार की जैव विविधता को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास इन रेतासुरों की करतूत के कारण होगा। इसे संवेदनशील विषय मानकर कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यवाही की मांग को लेकर सोमवार से प्रतिदिन हमारे द्वारा दो चूड़ियां भेजी जा रही हैं। राजीव अग्रवाल, 21 मई, 2024