राष्ट्रीय
22-May-2024
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-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला प्रयागराज,(ईएमएस)। आए दिन देखने में आता है कि दहेज के लिए महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है कहीं कहीं तो उन्हें दहेज के लिए मार भी दिया जाता है। ऐसे ही एक मामले में यूपी की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाया है जो नजीर बन सकता है। न्‍यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की कोर्ट ने कहा कि दहेज मांगना अपराध है लेकिन कम दहेज का ताना मारना अपराध नहीं है। हाईकोर्ट ने दो ननद और देवर पर दहेज के लगे आरोपों को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि पीड़िता ने मारपीट के आरोप लगाए गए हैं लेकिन कोई मेडिकल रिपोर्ट यह साबित नहीं हुआ है। उत्‍पीड़न के आरोप सामान्‍य प्रकृति के हैं। यह मामला यूपी के बदायूं जिले के बिल्‍सी इलाके का है। 7 मई, 2017 में एक युवती का निकाह शब्‍बन खान के साथ हुआ था। युवती ने उसी साल दिसंबर में पति, सास, देवर और दो ननदों के खिलाफ दहेज उत्‍पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। युवती ने आरोप लगाया था कि शादी के दौरान पति ने कार की मांग की थी। दहेज न देने पर सभी आरोपियों ने कम दहेज का ताना मारते हुए उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया था। पुलिस ने कोर्ट में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी। युवती के पति शब्‍बन खान समेत सभी आरोपियों ने 2018 में चार्जशीट के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी । हाईकोर्ट ने पति की याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन बाकी याचिकाओं पर सुनवाई की। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान युवती की सास का निधन हो गया है। बाकी याचिकाओं पर विचार करते हुए कोर्ट ने दो ननदों और देवर पर लगे दहेज उत्‍पीड़न के आरोपों को रद्द कर दिया है। सिराज/ईएमएस 22मई24