राष्ट्रीय
22-May-2024
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मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरुरी है स्मार्टफोन से दूरी नई दिल्ली,(ईएमएस)।स्मार्टफोन रखना अब लोगों के लिए रेपोटेशन की बात नहीं रही है, बल्कि अब तो लोग कीपेड मोबाइल चलाने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। बच्चों, किशोरों में जरुर ऑनलाइन गेमिंग को लेकर स्मार्टफोन का क्रेज बरकरार है। स्मार्ट फोन से सदा चिपके रहने वाले ऐसे लोगों को बाहरी दुनियां से जोड़ने के लिए भी तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं, इनमें मॉं-बाप का कीपेड मोबाइल इस्तेमाल करना, बेहद कारगर साबित हो रहा है। यह सच है कि दुनिया भर में स्मार्टफ़ोन से चिपके हुए लोगों की संख्या आज भी ज्यादा ही है, लेकिन यह कहना भी गलत नहीं है कि समाज में ऐसे लोगों की भी संख्या अब अच्छी खासी हो चली है जो स्मार्ट फोन की जगह कीपेड फोन इस्तेमाल में लेते हैं। कीपेड चलाने वाले लोग अब सबसे अलग ही दिखते हैं, क्योंकि उन्होंने स्मार्टफ़ोन का इस्तेमाल छोड़ दिया और अब वो समाज से जुड़ कर बाहरी दुनियां को बेहतर बनाने की होड़ में शामिल हो चले हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना व परिवार का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रखने की गरज से स्मार्टफोन का इस्तेमाल छोड़ने का फैसला किया है। ऐसे लोग कीपेड के इस्तेमाल के लाभ बताते हैं, खासतौर पर ऐसे मोबाइल जिनसे केवल कॉल और टेक्स्ट की सुविधा आपको उपलब्ध होती है। ऐसे लोगों का कहना है कि सोशल मीडिया और जबरन के विज्ञापनों से कीपेड मोबाइल आपको राहत प्रदान कर देता है। कीपेड चलाने वालों का कहना है कि स्मार्टफ़ोन छोड़ने का फ़ैसला अचानक ही लिया जाता है, और उस पर अडिग रहने के लिए अपने आपको लोगों से जोड़ना और जमीनी हकीकत को सामने रखते हुए कार्य में लगे रहना होता है। यह अनुभव वाकई किसी तिलिस्म से बाहर निकलने जैसा है, जहां कुछ भी न होते हुए भी आप उसके मकड़जाल में उलझे रहते हैं। सोचें स्मार्टफ़ोन पर आप अपनी जिंदगी का कितना वक्त बर्बाद करते हैं और इस समय का आप और कहां इस्तेमाल कर सकते हैं। यह समय आपको और लोगों के बीच ले जाता है और आप ज्यादा प्रसन्न रह सकते हैं। ऐसे ही एक कीपेड इस्तेमाल करने वाले शख्स ने कहा कि उनका स्मार्टफोन से दूर रहने से जो समय बचता है उसमें वो किताबें पढ़ने और बेहतर नींद लेने में करते हैं। एक सर्वे के मुताबिक ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में 10 में से 9 लोगों के पास स्मार्टफ़ोन होता है, लेकिन अब लोग कीपेड की ओर जा रहे हैं। यह भी सच है कि स्मार्टफोन छोड़ने और कीपेड लेने वालों का आंकड़ा बहुत कम है, लेकिन इन लोगों का तो यही मानना है कि अब वो पहले से ज्यादा सुखी हैं। स्कॉटलैंड निवासी जिन्होंने स्मार्टफोन के इस्तेमाल से तौबा कर लिया है वो कहते हैं कि पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं के कारण स्मार्टफोन छोड़ना जरुरी हो गया था। उनका मानना है कि स्मार्टफोन को भारी मात्रा में इस्तेमाल कर हम खुद भी अधिक ऊर्जा बर्बाद कर कार्बन डाइ-ऑक्साइड पैदा करने में सहायक बन रहे हैं। इसलिए स्मार्टफोन के इस्तेमाल को कम से कम करने की वकालत कर रहे लोग अब कीपेड का क्रेज वापस लाना चाहते हैं। हिदायत/ईएमएस 22मई24