अंतर्राष्ट्रीय
11-Jun-2024
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वाशिंगटन,(ईएमएस)। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने जेल में रहकर लोकसभा का चुनाव जीता है। अमृतपाल अब सांसद है और दुनिया के कई देशों में इनके चर्चे हैं। अमेरिका भी इससे अछूता नहीं है। रिहाई के लिए अब अमेरिका में आवाज उठने लगी हैं। खबर है कि मामला देश की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तक भी पहुंच चुका है। इतना ही नहीं सिंह के समर्थन में मुहिम चला रहे भारतवंशी वकील जसप्रीत सिंह अब अमेरिकी नेताओं से बात कर भारत पर दबाव डालने की तैयारी कर रहे हैं। अमृतपाल फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंह ने अमृतपाल को हिरासत में लिए जाने को अन्याय करार दिया है। साथ ही वह 100 से ज्यादा अमेरिकी नेताओं से संपर्क साधने की योजना बना रहे हैं, ताकि अमृतपाल की रिहाई के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाया जा सके। सिंह ने एक वीडियो में कहा, बीते दो-तीन महीनों में मैंने उनसे दो बार मुलाकात की है। मैंने उनसे इमीग्रेशन के मुद्दे पर बात की। मैंने इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने मुझे दफ्तर में मिलने का समय दिया है। मैं उनसे 11 जून को मिलूंगा। सिंह का कहना है, अमृतपाल ने बड़ी जीत दर्ज की है और उनका हिरासत में रहना मानवाधिकार पर गंभीर सवाल उठाता है। अमृतपाल ने पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। यहां उसने कांग्रेस नेता कुलबीर सिंह के खिलाफ करीब 2 लाख वोट के अंतर से जीत हासिल की है। खास बात है कि यह पहली बार है जब सिंह भारत से जुड़े किसी मुद्दे को जोर शोर से उठा रहे हैं। सिंह ने यह भी बताया है कि वे सांसद जैक्लिन शेरिल रोजेन और कांग्रेसमैन रुबेन गैलेगो से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने विस्तार में एक रिपोर्ट भी तैयार की है और कई नेताओं को पत्र भी भेजे हैं। इनमें उपराष्ट्रपति हैरिस और सीनेटर रॉब मेन्डेज का नाम शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंह ने कहा, मैंने 20 से ज्यादा अमेरिकी नेताओं से बात की है और वे सभी सहमत है कि इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा होनी चाहिए। अमेरिका मानवाधिकार का मूल्य जानता है, फिर चाहे वह देश में हो या विदेश में। कहा जा रहा है कि इस मामले में सिंह की मदद कर रही कानूनी टीम ने केस के बारे में बारीकी से जानकारी जुटाई है। साथ ही उन्हें लगता है कि अमृतपाल को हिरासत में रखना अन्याय है। सिंह के मुताबिक, कानून में एक सिद्धांत है कि सजा अपराध के बराबर होनी चाहिए। हमने मानवाधिकार के एंगल से इस मामले को अमेरिकी सरकार के सामने उठाया है। वीरेन्द्र विश्वकर्मा/ईएमएस 11 जून 2024