नई दिल्ली,(ईएमएस)। उन्नाव रेप केस में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को राहत प्रदान करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों वाली बेंच ने सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने उन्नाव रेप केस में पूर्व भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड करते हुए जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 2017 के उन्नाव रेप केस में एक नाबालिग लड़की से रेप मामले में बीजेपी के पूर्व नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सज़ा को सस्पेंड कर दिया गया था। यही नहीं कोर्ट ने सेंगर की जमानत भी मंजूर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सेंगर को नोटिस भी जारी किया है। इससे पहले तुषार मेहता ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा, हम बच्ची के प्रति जवाबदेह हैं और सेंगर न सिर्फ रेप का दोषी है, बल्कि पीड़िता के पिता की हत्या और अन्य लोगों पर हमले का भी दोषी ठहराया गया है। इस पर मौखिक टिप्पणी करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा, कि फिलहाल हम हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के इच्छुक हैं। इसी के साथ उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, कि आमतौर पर नियम तो यही है कि यदि व्यक्ति जेल से बाहर है तो कोर्ट उसकी आज़ादी नहीं छीनता, लेकिन इस मामले में स्थिति अलग है क्योंकि सेंगर दूसरे अन्य केस में अभी भी जेल में है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।