राष्ट्रीय
25-Jun-2024


शिक्षा मंत्रालय आखिर क्यों है डॉ जोशी पर मेहरबान -नीट मामले में नपना था उन्हीं को जांच का जिम्मा भोपाल,(ईएमएस)। नीट मामले के तार मध्य प्रदेश से जुड़े तो सभी को एनटीए चेयरमैन डॉक्टर प्रदीप जोशी का पिछला कार्यकाल और एक प्रिंटिंग प्रेस से उनका खास जुड़ाव सामने आ गया है। इसे लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं, लेकिन शिक्षा मंत्रालय का उनके सिर पर हाथ है, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई होगी यह तय नहीं है। बताते चलें कि नीट पेपर लीक और ग्रेस मार्कस वाले मामले में एक प्रिंटिंग प्रेस की अहम भूमिका को तलाशा जा रहा है, जो बेवजह भी नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी नीट मामले में जोशी पर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। नीट-यूजी परीक्षा 2024 के पेपर लीक और रिजल्ट मामले को लेकर अब एनटीए की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है कि इस बड़े मामले में एनटीए चेयरमैन डॉक्टर प्रदीप जोशी पर कार्यवाही होनी थी, उन्हीं को जांच कमेटी का प्रमुख बना दिया गया। इससे जांच प्रभावित होने और हकीकत सामने नहीं आ पाने के भी आरोप लग रहे हैं। एक आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज का हवाला देकर कहा जा रहा है कि डॉ. जोशी का संघ और भाजपा के कर्ता-धर्ताओं से खास संबंध हैं। इन संबंधों के चलते ही डॉ जोशी बड़े पद पाने में सफल रहे हैं। इन आरोपों के बीच आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार एनटीए चेयरमैन डॉ. प्रदीप जोशी पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली जोशी से रिश्ता है, जिसके चलते उन्हें संघ लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) मप्र लोक सेवा आयोग और छत्तीसगढ़ पीएससी के अध्यक्ष का पद मिला। डॉ जोशी छत्तीसगढ़ के पहले 2006 में एमपीपीएससी के अध्यक्ष रहे। इस नियुक्ति को लेकर 2014 में लगाई गई आरटीआई से जानकारी मिली है कि उनकी नियुक्ति के लिए आरएसएस के एक क्षेत्रीय प्रचारक ने सिफारिश की थी। -डॉ जोशी का मप्र-छग से नाता यहां सबसे पहले बात करते हैं डॉ प्रदीप जोशी के मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से शुरु हुई। दरअसल डॉ जोशी मई 2000 से 12 जून 2006 तक रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में प्रबंधन अध्ययन संकाय के प्रोफेसर, प्रमुख और डीन के तौर पर सेवाएं दीं थीं। इसी बीच उन्हें मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का पहिले सदस्य बाद में अध्यक्ष बना दिया गया था। इसके बाद डॉ जोशी छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष बना दिए गए। यही नहीं डॉ जोशी संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य बनाए गए और देखते ही देखते उन्हें अध्यक्ष बना दिया गया। एक आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार डॉ जोशी एबीवीपी पदाधिकारी रहे हैं, भूतपूर्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और मुरली मनोहर जोशी से भी अच्छी संबंध रहे हैं। उन्हें मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष इसलिए बनाया गया था, क्योंकि उनकी सिफारिश आरएसएस के प्रचारक ने लिखित तौर पर की थी। इस प्रकार उन पर संबंधों भुनाने और बड़े फायदे लेने के आरोप भी लगे हैं। -डॉ जोशी की सीधी नियुक्ति पर उठे थे सवाल जब डॉ जोशी 2006 में एमपीपीएससी के अध्यक्ष बनाए गए तो उनकी नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। हाईकोर्ट में नियुक्ति को चुनौती दी गई, जिस पर अदालत ने आदेश दिया था कि आगे से आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति सीधे सीएम के जरिये न होकर एक कमेटी के जरिये होगी, जिसमें विपक्ष के सदस्य भी शामिल होंगे। -भोपाल की रुचि प्रिंटिंग प्रेस से खास रिश्ता नीट पेपर लीक मामले के तार मध्य प्रदेश से जुड़े तो सभी को एनटीए चेयरमैन डॉक्टर प्रदीप जोशी का पिछला कार्यकाल और रुचि प्रिंटिंग प्रेस से उनका खास जुड़ाव सामने आ गया। पेपर लीक मामले में भोपाल के सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस प्रिंटिंग प्रेस में सीक्रेट पेपर ही छापे जाते थे। इस प्रिंटिंग प्रेस में गोपनीय दस्तावेज के तौर पर अनेक परीक्षाओं के पेपर छापे गए हैं। इसलिए पू्र्व की अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने का अंदेशा भी है। प्रिंटिंग प्रेस का कर्मचारी गिरफ्तार होने के बाद से यहां सन्नाटा छाया हुआ है। इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर डॉ जोशी और प्रिंटिंग प्रेस के संबंध पर सवाल उठ खड़े हुए हैं, लेकिन शिक्षा मंत्रालय का उनके सिर पर हाथ है, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई होगी यह तय नहीं है। जबकि नियमानुसार गोपनीयता भंग होने पर प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को गिरफ्तार करने का नियम है। यदि डॉ जोशी के कार्यकाल की जांच की जाए तो ऐसे अनेक मामले सामने आ सकते हैं। ईएमएस, २५ जून २०२४