लेख
02-Aug-2024
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वर्तमान में संसद में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच अनर्गल, बेलगाम बोल के कारण दिन पर दिन अपसी टकराव की स्थिति बढ़ती जा रही है जो लोकतंत्र के हित में कदापि नहीं। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों को जनता ने जनमत आपस में टकराकर संसद काल का स्वर्णिम अवसर गवाने के लिये नहीं दिया बल्कि सकरात्मक बहस कर देशहित में सही कदम उठाने के लिये दिया है। सत्तापक्ष यदि मनमानी करता है, जनहित में उचित कदम नहीं उठाता है तो विपक्ष को विरोध करने का पूरा पावर जनता ने दे रखा है। विपक्ष की मांग पर पहल करना सत्तापक्ष का नैतिक दायित्व है। पर आजकल दोनों का नजरिया ही बदल गया है। जिसके वजह से आपसी टकराव की स्थिति दिन पर दिन बढ़ती जा रही है जिसें जनता के द्वारा चुने गये जनप्रतिधि सांसद के बेलगाम बोल आग में घी का काम कर रहे है। अभी हाल हीं में संसद में चल रही चर्चा के दौरान विपक्ष नेता राहुल गांधी द्वारा जातीय जनगणना कराये जाने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का किसी की भावना को ठेस पहुंचाने वाला बयान कि जातीय जनगणना की बात करने वाले को अपनी जाति का ही पता नहीं, आपसी टकराव का कारण बन गया है। इस मुद्दे पर देश भर में विरोध की लहर उठ खड़ी हुई है जो देशहित में कदापि नहीं। इस तरह के अनर्गल बयान से जो किसी की भावना को ठेस पहुंचाये, सम्मानीय जनप्रतिनिधि सांसद को बचना चाहिए। जनता ने इस बार सत्ता पक्ष का जनमत का आकड़ा पहले से कम कर दिया है तथा विपक्ष को पहले से ज्यादा जनमत देकर मजबूत विपक्ष बनने का सुअवसर दिया है, इस बात को विपक्ष को नजरअदांज नहीं करना चाहिए। सत्ता पक्ष को मालूम है कि आज सत्ता वैसाखी पर टिकी है जो कभ भी धराशायी हो सकती है, उसके सामने एक तगड़ा विपक्ष सीना ताने खड़ा है। इस तरह के हालात में लोकतंत्र तभी सही रह सकता जब सांसद अपनी मर्यादा में रहें, अनर्गल बोल से बचे, पक्ष - विपक्ष टकराव की राजनीति से दूर रहें, सत्ता पक्ष के सही कदम पर विपक्ष समर्थन देकर सकरात्मक विपक्ष की भूमिका निभाए, सत्ता पक्ष भी विपक्ष की बातें सुने , विचार करें एवं उसपर अमल करे तभी जनादेश का सही आदर हो सकेगा, लोकतंत्र सही चल सकेगा। सत्ता तो आज इधर है तो कल उधर, इस यर्थात को सभी को समझना होगा। देश एवं जनहित में जरूरी है कि पक्ष विपक्ष आपसी टकराव की राजनीति से दूर रहें। ( -स्वतंत्र पत्रकार एवं साहित्यकार) ईएमएस / 02 अगस्त 24