2022-23 में संस्थान को 576 करोड़ और 2021-22 में 502 करोड़ रुपये मिले थे नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे ने 2023-24 में अनुसंधान और विकास के लिए वार्षिक अनुदान के रूप में रिकॉर्ड 700 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं। पिछले तीन वर्षों की तुलना में यह सबसे ज्यादा है। 2022-23 में संस्थान को 576 करोड़ रुपये और 2021-22 में 502 करोड़ रुपये मिले थे। आरएंडडी फंड सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों से प्राप्त राशि का संयोजन है। निजी एजेंसियों से प्राप्त धन अनुदान राशि का 35 प्रतिशत होता है, जबकि शेष सरकारी एजेंसियों द्वारा दिया जाता है। संस्थान ने कहा कि आईआईटी बॉम्बे ने अपने अनुसंधान एवं विकास को तकनीकी आत्मनिर्भरता हासिल करने के राष्ट्रीय लक्ष्य के साथ जोड़ने के लिए ठोस प्रयास किए हैं। संस्थान ने विभिन्न शैक्षणिक इकाइयों के शोधकर्ताओं को शामिल करते हुए जटिल समस्याओं को समग्र तरीके से हल करने के लिए कई बड़े बहु-विषयक अनुसंधान केंद्र स्थापित किए हैं। इसमें कहा गया कि छात्र और संकाय सदस्य विज्ञान, इंजीनियरिंग, डिजाइन, प्रबंधन और मानविकी के सभी क्षेत्रों में अनुसंधान परियोजनाएं संचालित करते हैं। संस्थान ने बताया कि विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, डिजाइन और सामाजिक विज्ञान के सभी क्षेत्रों में हर साल नई अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं शुरू की जाती हैं, जिनमें अल्पकालिक परामर्श और दीर्घकालिक प्रायोजित अनुसंधान दोनों शामिल हैं। परियोजनाओं की अवधि आम तौर पर 2-5 साल तक होती है। आईआईटी बॉम्बे इस अनुदान का उपयोग तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा महाराष्ट्र ड्रोन मिशन जैसी परियोजनाओं को शुरू करने के लिए करेगा। स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने और ड्रोन प्रौद्योगिकी में महाराष्ट्र को वर्ल्ड लीडर के रूप में स्थापित करने के लिए विभाग ने 151.8 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक परियोजना को वित्त पोषित किया। संस्थान वस्त्र मंत्रालय के लिए एक परियोजना वस्त्र-आधारित कंपोजिट का उपयोग करके हाइड्रोजन प्रेशर वेसल निर्माण का विकास करने के लिए भी काम कर रही है। आईआईटी-बॉम्बे ने विश्व स्तरीय संस्थानों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में यह दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में शामिल है। हाल ही में जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क रैंकिंग में भी आईआईटी-बॉम्बे शीर्ष तीन में शामिल है। संस्थान ने कहा कि विभिन्न सरकारी क्षेत्रों, उद्योग और समाज के लिए व्यवहार्य समाधान प्रस्तुत करने के अलावा आईआईटी बॉम्बे बुनियादी अनुसंधान को आगे बढ़ाता है जिससे ज्ञान सृजन होता है और भारत को तकनीकी रूप से आश्वस्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में सशक्त बनाने की नींव रखता है। सतीश मोरे/08सितंबर ---