हरियाणा विधानसभा चुनाव हुआ रोमांचक नई दिल्ली,(ईएमएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 177 दिन जेल में रहने के बाद जमानत मिल गई है। केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हो चुके है। आप ने हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। लिहाजा अब लग है कि हरियाणा का चुनावी दंगल जोरदार होगा। 2019 में आप ने हरियाणा विधान सभा की 46 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि तब उसका वोट शेयर महज एक फीसदी रहा। तब से अब तक बहुत कुछ हो चुका है। आम आदमी उन लोगों को एक अच्छे विकल्प की तरह दिखती है जो कांग्रेस या बीजेपी को वोट नहीं देना चाहते। लंबे समय तक बीजेपी का गढ़ रहने वाली दिल्ली कम से कम विधान के स्तर पर आप का गढ़ बन चुकी है। टिकट बंटवारे के पहले से ही हरियाणा में कांग्रेस को अलग अलग गुटों की लड़ाई से जूझना पड़ रहा है। कांग्रेस चुनाव के पहले चाह रही थी कि देश भर में ये संदेश दिया जाए कि उसका इंडिया गठबंधन कामयाब है। इस लिहाज से कांग्रेस लगातार आप से गठबंधन करने की कोशिश करती रही। लेकिन माना जा रहा है कि सीटों पर बात न बनने के कारण केजरीवाल ने ही गठबंधन न करने का फैसला लिया। हरियाणा में ब्रजभूषण शरण सिंह की मुखालफत करने वाली विनेश अब बीजेपी के खिलाफ लड़ रही हैं। बीजेपी ने कई पुराने नेताओं को टिकट नहीं दिया है। इसमें सावित्री जिंदल भी शामिल है। इसके अलावा कई नेता पार्टी से टिकट न मिलने के कारण खफा है। हालांकि कांग्रेस के सामने भी कम चुनौतियां नहीं है। टिकट देने तक पार्टी में तीन गुट साफ अलग अलग दिख रहे थे। अभी भी ये नहीं कहा जा सकता कि ये तीनों गुट बहुत मिलकर चुनाव मैदान में उतरेंगे की नहीं। जेजपी और आजाद समाज पार्टी गठबंधन के तहत राज्य की सभी सीटों पर लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में जेजेपी को 13 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे लेकिन लोक सभा चुनाव में जेजेपी की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी नीचे गिर कर 0.87 हो गई थी। आशीष/ईएमएस 14 सितंबर 2024