वॉशिंगटन (ईएमएस)। साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है। पृथ्वी पर यह एक अद्भुत खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। एक वलयाकार सूर्य ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण रिंग ऑफ फायर का शानदार दृश्य प्रस्तुत करेगा, जो सभी खगोल प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य की रोशनी बाधित हो जाती है। इस घटना के दौरान, चंद्रमा की दूरी में परिवर्तन के कारण यह देखने में बड़ा या छोटा प्रतीत होता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के निकट होता है, तो वह पूर्ण सूर्य ग्रहण का कारण बनता है, जबकि दूर होने पर वलयाकार ग्रहण का निर्माण करता है। इस बार, चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाएगा, जिससे सूर्य के चारों ओर एक आग की रिंग जैसी आकृति बनेगी। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण दक्षिणी अमेरिका में प्रमुखता से दिखाई देगा, खासकर चिली, अर्जेंटीना और प्रशांत महासागर में। अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों में इसे आंशिक रूप में देखा जा सकेगा। भारतीय समयानुसार, यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को रात 9:13 बजे से शुरू होगा और 3 अक्टूबर को दोपहर 3:17 बजे तक जारी रहेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रकार के ग्रहणों का अध्ययन खगोल विज्ञान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, सूर्य ग्रहण देखने के दौरान सावधानी बरतना आवश्यक है। सीधे सूर्य को देखना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिये विशेष सूर्य ग्रहण चश्मों का उपयोग करना जरूरी है। ग्रहण के दौरान, जहां यह दिखाई देगा, वहां कुछ मिनटों के लिए दिन में रात जैसा दृश्य उत्पन्न होगा, जिससे तापमान में भी गिरावट आएगी। यह घटना न केवल खगोल प्रेमियों बल्कि आम जनता के लिए भी एक अद्भुत अनुभव साबित होगी। इस वलयाकार सूर्य ग्रहण का इंतजार कर रहे खगोल प्रेमियों के लिए यह सुनहरा अवसर है। सुदामा/ईएमएस 01 अक्टूबर 2024