नई दिल्ली(ईएमएस)। लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर राजधानी दिल्ली तक मार्च करने वाले जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक सहित लद्दाख के करीब 120 लोगों को दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमा पर हिरासत में ले लिया है। इससे सुबह सुबह आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल आग बबूला हो गए और उन्होंने में गुस्से में यहां तक कह दिया कि ये देश किसी की बपौती नहीं है। इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, सोनम वांगचुक और सैकड़ों लद्दाखियों को हिरासत में लेना स्वीकार नहीं किया जा सकता, जो पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे थे।उन्होंने गिरफ्तारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आगे कहा, लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने के लिए बुजुर्ग नागरिकों को दिल्ली की सीमा पर क्यों हिरासत में लिया जा रहा है? मोदी, जैसा किसानों के साथ हुआ था, यह चक्रव्यूह टूटेगा, और आपका अहंकार भी। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी। दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार वांगचुक समेत हिरासत में लिए गए लोगों को अलीपुर और शहर की सीमा से लगे अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिल्ली की सीमाओं पर धारा 163 बीएनएस लागू कर दी गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वांगचुक और अन्य लोग सीमा पर रात बिताना चाहते थे। दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण उन्हें पहले वापस जाने के लिए कहा गया, लेकिन जब वे नहीं रुके तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने वांगचुक समेत करीब 120 लोगों को हिरासत में ले लिया। वांगचुक और उनके समर्थकों को सोमवार रात को सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया। वांगचुक और उनके समर्थक, केंद्र सरकार से लद्दाख के नेताओं के साथ उनकी मांगों पर बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह करने के लिए लेह से नई दिल्ली तक पदयात्रा पर थे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी गिरफ्तारी के बारे में बताया। उन्होंने लिखा, मुझे हिरासत में लिया जा रहा है कि दिल्ली बॉर्डर पर 150 पदयात्रियों के साथ, सैकड़ों की पुलिस फोर्स द्वारा। हमारे साथ कई बुजुर्ग, महिलाएं हैं। हमें नहीं पता क्या होगा। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की जननी।।। बापू की समाधि तक सबसे शांतिपूर्ण मार्च पर थे।।। हे राम! लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है। उन्होंने इसे अस्वीकार्य बताया है। वीरेन्द्र विश्वकर्मा/ईएमएस 01 अक्टूबर 2024