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24-Dec-2025
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- आंकड़ों की बाजीगरी... - मंत्री का दावा- मप्र में 5 करोड़ 25 लाख को मिल रहा राशन - एसआईआर के बाद 5 करोड़ 31 मतदाताओं की सूची जारी - मप्र सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खाद्यान वितरण के आंकड़ों पर कांग्रेस ने उठाया सवाल... भोपाल (ईएमएस)। मप्र में डॉ. मोहन यादव सरकार के दो साल पूरा होने पर मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड पेश करने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में बुधवार को खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत ने दो साल की उपलब्धि गिनाई और आगामी कार्ययोजना की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 5 करोड़ 25 लाख को राशन दिया जा रहा है। अन्य राज्यों के 6 हजार परिवार एमपी में राशन ले रहे हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र में जरूरत के अनुसार उचित मूल्य दुकानों की स्थापना की जाएगी। वहीं गोविंद राजपूत के विभागीय रिपोर्ट कार्ड पर कांग्रेस ने तीखे सवाल पूछे है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है। मंत्री के दावों के अनुसार, प्रदेश में 5 करोड़ 25 लाख को मिल रहा राशन और चुनाव आयोग के अनुसार प्रदेश में एसआईआर के बाद 5 करोड़ 31 मतदाता हैं। यानी औसतन मप्र का हर मतदाता गरीब है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विभाग की 2 साल की उपलब्धि गिनाई। उन्होंने बताया कि गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 5 करोड़ 25 लाख को राशन दिया जा रहा है। पिछले 2 साल में 22 हजार 800 करोड़ का राशन दिया गया। गोविंद सिंह ने उपभोक्ताओं को बकायदा मोबाइल पर राशन वितरण की जानकारी देने का भी दावा किया है। इधर, कांग्रेस ने खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर कई सवाल दागे। कांग्रेस मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने पूछा कि कल निर्वाचन आयोग ने एमपी में 5 करोड़ 31 मतदाताओं की सूची जारी की। आज मुफ्त राशन के आंकड़े जारी किए गए हैं। जिसमें मंत्री ने बताया कि 5 करोड़ 25 लाख को मुफ्त राशन दे रहे है। मुकेश नायक ने कहा कि यानी प्रदेश के हर मतदाता को राशन दिया जा रहा है। सवाल पूछते हुए कहा कि खाद्य मंत्री यह भी बता दें जिन 41 लाख मतदाताओं के नाम काट गए, क्या उन्हें अगले महीने का राशन मिलेगा या नहीं ? मुकेश ने यह भी कहा कि सरकार तो कह रही थी कि प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है। मध्य प्रदेश से गरीबी दूर हो रही है। कहां गए वो दावे..? - अन्य राज्यों के 6 हजार परिवार मप्र से ले रहे राशन खाद्य मंत्री ने कहा कि पीडीएस वितरण केंद्र की संख्या 269 से बढक़र 308 हुईं है। साल में दो बार 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को ग्राम सभा में पात्र हितग्राही की सूची का वाचन होता है। पीडीएस में 35 लाख अपात्र डुप्लीकेट और मृत हितग्राहियों के नाम सत्यापन के बाद पोर्टल से हटाए गए। 14 लाख नए हितग्राही जोड़े गए। वन नेशन वन राशन के तहत मप्र के 39 हजार परिवार अन्य राज्यों में नि:शुल्क राशन ले रहे हैं। अन्य राज्यों के करीब 6 हजार परिवार मप्र से राशन ले रहे है। ऑनलाइन में बुजुर्गों की हाथ की लकीरों से आ रही दिक्कत से निजात पाने के लिए आंखें स्कैन की जा रही है। - सिंहस्थ मेला क्षेत्र में की जाएगी उचित मूल्य दुकानों की स्थापना उन्होंने बताया कि एप के माध्यम से वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन की गतिविधियों को रियल टाइम मॉनिटर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और गैर उज्ज्वला योजना के अंतर्गत प्रदेश की महिलाओं ने 6 करोड़ 17 लाख गैस टंकियां की रिफिल कराई। जिसमें सरकार में 911 करोड़ का अनुदान दिया। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में जरूरत के अनुसार उचित मूल्य दुकानों की स्थापना की जाएगी। मेला क्षेत्र में एलपीजी प्रदाय के लिए सेक्टर वार काउंटर भी स्थापित किए जाएंगे। अखाड़ों को अस्थाई गैस कनेक्शन जारी किए जाएंगे। उज्जैन एवं रास्ते के पेट्रोल डीजल सीएनजी पंपों पर पर्याप्त डीजल पेट्रोल की ऑयल कंपनी के माध्यम से उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। शहरी गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा। - 14 लाख नई राशन पात्रता पर्चियां मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि सरकार ने अब तक 14 लाख नई राशन पात्रता पर्चियां जारी की हैं और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। जो पात्र व्यक्ति अब तक योजना से छूट गए थे, वे अपनी केवाईसी पूरी कराकर राशन दुकान से पात्रता पर्ची प्राप्त कर सकते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि सभी पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाया जाए। मंत्री ने कहा कि वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना प्रदेश और देश दोनों के लिए बड़ी उपलब्धि साबित हुई है। पहले मध्यप्रदेश के मजदूर जब बाहर काम करने जाते थे, तो उन्हें वहां राशन नहीं मिलता था और दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिक यहां राशन से वंचित रहते थे। अब स्थिति बदल गई है। मंत्री के अनुसार, हर महीने करीब 39 हजार परिवार दूसरे राज्यों से आकर मध्यप्रदेश में राशन ले रहे हैं, जबकि लगभग 5 हजार परिवार मध्यप्रदेश के होकर अन्य राज्यों में रहकर नि:शुल्क राशन प्राप्त कर रहे हैं। कई बार अंगूठे का निशान काम न करने के कारण बुजुर्ग और दिव्यांग हितग्राही राशन नहीं ले पाते थे। इसे देखते हुए सरकार ने नॉमिनी व्यवस्था लागू की है। मंत्री ने बताया कि अब कोई भी वृद्ध या दिव्यांग व्यक्ति किसी एक व्यक्ति को नॉमिनी बना सकता है और उसी के माध्यम से उसे राशन मिलेगा। इस व्यवस्था का मकसद यह है कि कोई भी पात्र व्यक्ति तकनीकी कारणों से राशन से वंचित न रहे। - लाड़ली बहना योजना में गैस अनुदान मंत्री ने बताया कि लाड़ली बहना और उज्ज्वला योजना के तहत बीते दो सालों में 6 करोड़ 70 लाख गैस सिलेंडर रिफिल कराए गए हैं। इसके लिए 911 करोड़ रुपए का अनुदान राज्य सरकार ने दिया है। सरकार का वादा है कि लाड़ली बहनों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा और शेष राशि सरकार अनुदान के रूप में वहन कर रही है। सरकार ने 89 आदिवासी ब्लॉक में ‘आपका राशन आपके द्वार’ योजना शुरू की है। यह योजना खासतौर पर आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में लागू की गई है। इसके तहत राशन वाहन पंचायत पहुंचने के बाद गांव-गांव और मोहल्ला-मोहल्ला जाकर घर-घर राशन का वितरण करता है। मंत्री ने बताया कि इस योजना के अच्छे परिणाम सामने आए हैं और भविष्य में इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी है। -शहरी क्षेत्रों में पाइपलाइन गैस योजना प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में घर-घर पाइपलाइन के जरिए गैस पहुंचाने का काम किया जा रहा है। मंत्री ने स्वीकार किया कि योजना में कुछ जगहों पर देरी हुई, जिसके बाद सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया। पहले इस योजना का लक्ष्य 2023 था, जिसे अब बढ़ाकर 2028 कर दिया गया है। उद्देश्य यह है कि 2028 तक नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों के हर घर तक पाइपलाइन गैस पहुंचे और लोगों को सस्ती गैस मिले। मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 28 लाख किसानों से गेहूं और धान की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी गई है। इसके एवज में सरकार ने 51 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया है। बीते दो सालों में गेहूं 2600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा गया। धान उत्पादक किसानों को भी प्रोत्साहन राशि दी गई है। सरकार ने स्पष्ट किया कि आगे भी मेनिफेस्टो के अनुरूप समर्थन मूल्य पर खरीदी जारी रहेगी। नाप-तौल विभाग की कार्रवाई पर मंत्री ने बताया कि बीते दो सालों में 49 करोड़ 14 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस दौरान विभागीय टीमों ने व्यापारिक संस्थानों का निरीक्षण किया, जिसमें 11,700 प्रकरणों में गड़बडिय़ां पाई गईं। नियमों का उल्लंघन करने वालों से 4 करोड़ 50 लाख रुपए की दंड राशि वसूली गई। मंत्री के अनुसार, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।