कोलकाता,(ईएमएस)। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने फिर हड़ताल कर दी उन्होंने कामकाज पूरी तरह से ठप कर दिया है। यह प्रदर्शन कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले के खिलाफ किया जा रहा है। डॉक्टरों ने बंगाल की ममता सरकार पर दबाव डालने का फैसला लिया है, जिसमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की मांगें शामिल हैं। जूनियर डॉक्टरों ने बैठक के बाद यह फैसला लिया। बैठक में अस्पतालों की सुरक्षा को मजबूत करने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मरीजों के रिश्तेदारों द्वारा अस्पतालों में मारपीट और धमकी देने जैसे मामलों पर चर्चा की गई। डॉक्टरों की दस मांगें हैं और उनका कहा है कि जब तक उन्हें सुरक्षा और मरीजों की सेवाओं में सुधार के लिए स्पष्ट कार्रवाई नहीं मिलती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने कहा कि हम हड़ताल पर लौटने के लिए बाध्य हैं। जब तक सरकार हमारी मांगों का समाधान नहीं करती, हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने सीबीआई जांच की धीमी गति पर भी चिंता जताई और कहा कि इससे असली अपराधियों को सजा नहीं मिल रही है। डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस जघन्य घटना की सुनवाई में तेजी लाने के लिए की गई पहल की सराहना की, लेकिन उन्होंने निराशा व्यक्त की कि कोर्ट ने केवल सुनवाई को स्थगित कर दिया है। डॉक्टरों ने कहा कि हमने सीएम ममता बनर्जी और मुख्य सचिव से अपनी मांगों के संबंध में चर्चा की है, लेकिन सरकार ने हमारे पत्रों का जवाब नहीं दिया। वे इस बात से भी नाराज हैं कि राज्य सरकार ने उनकी बैठक का आयोजन नहीं किया, जिसमें जूनियर डॉक्टरों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होता। इस हड़ताल से अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, जिससे मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। सिराज/ईएमएस 01अक्टूबर24 -------------------