राज्य
20-Feb-2025
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-सिरसा ने अपना राजनीतिक करियर शिरोमणि अकाली दल के सदस्य के रूप में शुरू किया नई दिल्ली,(ईएमएस)। दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता पर काबिज होने के बाद अब बीजेपी का खुशी का ठिकाना नहीं है। रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के बाद गुरुवार को रामलीला ग्राउंड में शपथग्रहण समारोह हुआ। दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता के साथ 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली। मनजिंदर सिंह सिरसा भी शामिल हैं। सिरसा पहले अकाली दल में थे। इस बार पार्टी ने उन्हें राजौरी गार्डन से बीजेपी उम्मीदवार बनाया था जहां उन्होंने बीजेपी के आलाकमान के फैसले को सही साबित किया। नतीजा रहा कि अब उन्हें कैबिनेट में एंट्री मिल गई है। मनजिंदर सिंह सिरसा रेखा गुप्ता की ही तरह पहली बार विधायक पद के लिए नामित हुए और जीत हासिल की। हालांकि वे दो बार अकाली दल के टिकट पर विधायक का चुनाव भी जीत चुके हैं। इस बार उन्हें बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया था। 2025 दिल्ली चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता धनवति चंदेला को हाराया है। सिरसा बीजेपी से पहले उसकी एक वक्त पर गठबंधन की साथी रही अकाली दल का हिस्सा थे। सिरसा ने अपनी राजनीतिक यात्रा शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के सदस्य के रूप में शुरू की थी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2013 में पहली बार चुने जाने पर उन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष अमरजीत सिंह सरना को हराया था। सिरसा को 2017 में इस पद के लिए फिर से चुना गया। उन्होंने दिल्ली में सिख समुदाय के नेता के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया। सिरसा के राजनीतिक कौशल का प्रदर्शन 2017 के दिल्ली विधानसभा उपचुनाव में किया था, जहां उन्होंने राजौरी गार्डन सीट जीती थी। उन्होंने तब मौजूदा विधायक धनवती चंदेला को हराया था। इस बार भी उनकी प्रतिद्वंदी धनवती ही थीं। इस हाई-प्रोफाइल मुकाबले में उनकी जीत ने न केवल एक मजबूत नेता के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत किया, बल्कि दिल्ली में बीजेपी के बढ़ते समर्थन का भी संकेत दिया। मंजिंदर सिंह सिरसा का जन्म 28 फरवरी 1972 को हुआ था। उन्होंने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद पंजाब-दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स किया। उन्होंने दो साल ही यहां अध्यन किया। मनजिंदर को सबसे अमीर विधायक के रूप में जाना जाता है। मनजिंदर सिरसा मूलत: हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं। उनके चुनावी हलफनामे के मुताबिक इनकी कुल संपत्ति 248.9 करोड़ है। मनजिंदर सिंह सिरसा उन प्रमुख सिख चेहरों में हैं जो इस बार दिल्ली में चुनकर आए हैं। पीएम मोदी को अक्सर सिरसा के साथ देखा गया है। बीजेपी के सिरसा पर दांव लगाने के पीछे पंजाब में खोई जमीन हासिल करने के साथ एक संदेश देना भी है। किसान आंदोलन के बाद बीजेपी को वहां झटका लगा है। वहां 2027 में चुनाव होना है, ऐसे में बीजेपी का यह मास्टरकार्ड शायद पंजाब साधने में काम आ सकता है। सिराज/ईएमएस 20फरवरी25