वॉशिंगटन(ईएमएस)। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली रंजनी श्रीनिवासन पर अमेरिका ने हमास का समर्थन करने का आरोप लगाया और उनका वीजा रद्द कर दिया। इसके बाद रंजनी खुद ही डिपोर्ट हो गईं और उन्होंने अमेरिका को टाटा-बाय कर दिया। खुद अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग ने कहा कि कोलंबिया विश्वविद्यालय की भारतीय डॉक्टोरल छात्रा रंजनी ने स्वेच्छा से संयुक्त राज्य अमेरिका छोड़ दिया है। अब सवाल है कि आखिर रंजनी का वीजा कैंसल क्यों हुआ और उनका हमास से क्या कनेक्शन है। तो इसकी वजह है कि रंजनी ने हमास का समर्थन किया था। यही आरोप लगाकर अमेरिका ने उनका वीजा रद्द कर दिया। इसके बाद रंजनी खुद ही अमेरिका से डिपोर्ट हो गईं। रंजनी के खुद डिपोर्ट होने पर अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा कि अमेरिका में रहना और अध्ययन करना एक विशेषाधिकार है। यदि कोई आतंकवाद और हिंसा का समर्थन करता है, तो यह विशेषाधिकार छीन लिया जाना चाहिए। इस मामले ने अमेरिका में विदेशी छात्रों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी की ओर इशारा किया है। डीएचएस यानी अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग के अनुसार, रंजनी श्रीनिवासन पर हमास का समर्थन करने का आरोप लगाया गया था। इस वजह से उनका एफ-1 स्टूडेंट वीजा 5 मार्च 2025 को रद्द कर दिया गया। अमेरिका हमास को एक आतंकवादी संगठन मानता है। यही वजह है कि अमेरिका ने रंजनी के वीजा को सुरक्षा चिंताओं के कारण रद्द कर दिया गया था। इसके बाद 11 मार्च 2025 को रंजनी ने सीबीपी होम ऐप का उपयोग करके अमेरिका से स्वेच्छा से डिपोर्ट किया। इस घटना का वीडियो फुटेज भी मौजूद है। श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय में अपनी पीएचडी पूरी कर रही थीं। वे शहरी नियोजन और भूमि उपयोग पर शोध कर रही थीं। उनका अध्ययन भारत के अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भूमि और श्रम संबंधों पर केंद्रित था। वीरेंद्र/ईएमएस/15मार्च2025