ज़रा हटके
13-Apr-2025
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वाशिंगटन (ईएमएस)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल अब बच्चे पैदा करने के लिए भी होने लगा है। जी हां एआई की मदद से दुनिया के पहले बच्चे ने जन्म ले लिया है, इसने इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट की दिशा ही बदल दी है। दुनिया के पहले एआई पावर्ड आईवीएफ बच्चे का जन्म उन महिलाओं के लिए आशा की किरण है, जो किसी कारणवश मां नहीं बन सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एआई की मदद से आईवीएफ सिस्टम का इस्तेमाल करके दुनिया का पहला बच्चा पैदा हुआ है, यह सिस्टम इंट्रासाइटोप्लाजमिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) की पारंपरिक मैनुअल प्रक्रिया की जगह लेती है, जो कि आईपीएफ में इस्तेमाल की जाने वाली एक आम विधि है। आईवीएफ प्रोसेस के दौरान पुरुष के स्पर्म और महिला के एग के साथ फर्टिलाइज कराया जाता है। फिर एब्रियो को ट्रांसफर करते है। इस प्रक्रिया में स्पर्म सलेक्शन से लेकर इंजेक्ट और ट्रांसफर का काम डॉक्टर का होता है। अब सबसे पहले एआई एल्गोरिद्म माइक्रोस्कोपिक इमेजेस का विश्लेषण करके सबसे उपयुक्त शुक्राणु का चयन करता है। लेजर की सहायता से चुने गए शुक्राणु को निष्क्रिय किया जाता है, जिससे शुक्राणु को संभालना आसान हो जाता है। एआई नियंत्रित रोबोटिक प्रणाली के माध्यम से शुक्राणु को अंडाणु में सटीकता से इंजेक्ट किया जाता है। इस प्रक्रिया के सभी 23 चरणों को बिना किसी मानव हस्तक्षेप के, केवल एआई और रिमोट डिजिटल नियंत्रण के माध्यम से पूरा किया गया है। एक 40 वर्षीय महिला, जो पिछले असफल प्रयास के बाद डोनर अंडे के साथ आईवीएफ उपचार करवा रही थी, इस नई स्वचालित प्रक्रिया का उपयोग करके गर्भवती हुई। एक भ्रूण स्वस्थ ब्लास्टोसिस्ट में विकसित हुआ, जिसे फ्रीज किया गया और बाद में स्थानांतरित किया गया, जिससे एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ। स्वचालित प्रणाली ने शुक्राणु इंजेक्शन प्रक्रिया के हर हिस्से को संभाला, जिसमें एआई के साथ शुक्राणु का चयन करना, इसे लेजर से स्थिर करना और अंडे में इंजेक्ट करना शामिल है। एआई सहायता प्राप्त आईवीएफ प्रणाली प्रजनन चिकित्सा में एक क्रांतिकारी कदम है, यह न केवल प्रक्रिया की सटीकता और सफलता दर को बढ़ा सकती है, बल्कि आईवीएफ उपचार को अधिक सुलभ और किफायती भी बना सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक के व्यापक उपयोग से पहले और अधिक अध्ययन और परीक्षण आवश्यक है। आशीष/ईएमएस 13 अप्रैल 2025