नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है और धूप इतनी तेज हो गई है कि लोग सुबह से शाम तक लू और तपन से परेशान नजर आ रहे हैं। ऐसे में शरीर को ठंडक देने के लिए लोग ठंडे पेयों का सहारा ले रहे हैं, खासकर कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन काफी बढ़ गया है। यह ताजगी का झूठा एहसास तो देता है, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह आदत काफी नुकसानदेह साबित हो सकती है। कई लोग तो दिन भर में कई बार कोल्ड ड्रिंक्स पीते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि यह धीरे-धीरे उनके शरीर को भीतर से कमजोर बना रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकतर सॉफ्ट ड्रिंक्स में पानी के अलावा फॉस्फोरिक एसिड, कैफीन, शक्कर, रंग और प्रिजर्वेटिव्स शामिल होते हैं। इनमें मौजूद कैफीन को जानबूझकर इस तरह से मिलाया जाता है कि व्यक्ति को इसकी लत लग जाए। लगातार इन ड्रिंक्स का सेवन करने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है और यह कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है। रिसर्च बताती हैं कि रोजाना केवल एक कैन कोल्ड ड्रिंक पीना भी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इन ड्रिंक्स का अत्यधिक सेवन डायबिटीज का खतरा बढ़ा देता है। एक अध्ययन के मुताबिक रोजाना एक से दो कैन सॉफ्ट ड्रिंक पीने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 26 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। खासकर युवाओं और एशियाई लोगों में यह खतरा अधिक होता है। इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक्स में कैलोरी की मात्रा अधिक और पोषक तत्व शून्य होते हैं, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है और मोटापा जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। मोटापा ही आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का कारण बनता है। इतना ही नहीं, कोल्ड ड्रिंक्स में मौजूद फॉस्फेट हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और दांतों की सड़न की समस्या को भी जन्म दे सकते हैं। सुदामा/ईएमएस 15 अप्रैल 2025