राष्ट्रीय
17-Apr-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत और चीन के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर चर्चा हो रही है। सूत्रों के मुताबिक यह कदम वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 4 साल से अधिक समय तक चले तनाव के बाद दोनों देशों के रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह मानसरोवर यात्रा 2020 से बंद थी। अब जल्द ही यात्रा के शुरू होने की संभावना है। इससे लाखों श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक कैलाश मानसरोवर यात्रा चीन के तिब्बत क्षेत्र में स्थित पवित्र कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक होती है। यह यात्रा हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह यात्रा 2020 में कोरोना महामारी के कारण रुकी थी और बाद में एलएसी पर भारत-चीन के बीच तनाव के चलते शुरु नहीं हो सकी। लेकिन अब दोनों देश यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए गंभीरता से बात कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि बीते साल अक्टूबर में डेमचोक और देपसांग में सैनिकों की वापसी पर सहमति के बाद दोनों देशों ने भरोसे को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। बीते साल रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों ने सीमा विवाद और रिश्तों को बेहतर करने के लिए कई तंत्रों को फिर से शुरू करने का फैसला किया। हालांकि, इस साल यात्रा सामान्य समय से थोड़ा देर से शुरू हो सकती है और देर तक चल सकती है। बताया जा रहा हैं कि चीनी पक्ष को यात्रा के लिए सुविधाओं को तैयार करने के लिए थोड़ा समय चाहिए, क्योंकि ये सुविधाएं बीते पांच साल से उपयोग में नहीं थीं। जल्द ही यात्रा के शुरू होने की आधिकारिक घोषणा होने की उम्मीद है। भारतीय अधिकारियों ने मामले पर अभी कोई बयान नहीं दिया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन विदेश मंत्रालय द्वारा जून से सितंबर के बीच किया जाता है। यह यात्रा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे और सिक्किम के नाथु ला दर्रे से होती है। यह यात्रा बेहद कठिन है, क्योंकि श्रद्धालुओं को 19,500 फीट की ऊंचाई पर कठिन मौसम और उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना होता है। फिर भी, हर साल हजारों श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा के लिए तैयार रहते हैं। आशीष/ईएमएस 17 अप्रैल 2025