अंतर्राष्ट्रीय
22-Apr-2025
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बीजिंग(ईएमएस)। विश्व मंच पर शक्ति संतुलन की लड़ाई अब एक और मोड़ पर पहुंच गई है। चीन ने अब स्पष्ट चेतावनी दे दी है और कहा कि यदि कोई देश अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौता करता है, जिससे बीजिंग के हित प्रभावित होते हैं, तो वह उसका विरोध “दृढ़ता से” और “उसी तरह” से करेगा। इस तीखे तेवर को देखकर ऐसा लग रहा है कि अब चीन खुद भी अमेरिका की तरह वैश्विक व्यापार नीति में दादागिरी अपनाने की राह पर है। डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका फिर से चीन के खिलाफ सख्त नीति अपनाता नजर आ रहा है। उनका फोकस है कि अधिक से अधिक देश चीन से व्यापार कम करें और अमेरिका से समझौते करें। इसके बदले अमेरिका टैरिफ में छूट जैसे प्रोत्साहन देने को तैयार है। यह रणनीति चीन को गहरी चोट पहुंचा सकती है, खासकर ऐसे समय में जब उसकी अर्थव्यवस्था पहले से ही सुस्ती का सामना कर रही है। चीन की तीखी प्रतिक्रिया चीन के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने सख्त लहजे में कहा, “चापलूसी से शांति नहीं मिलेगी और ऐसे समझौते चीन कभी स्वीकार नहीं करेगा, जो उसके हितों के खिलाफ हों।” बीजिंग ने अमेरिका पर आर्थिक दबाव डालने और ‘एकतरफा दादागिरी’ करने का आरोप लगाया है और सभी देशों से इस दबाव के खिलाफ “संयुक्त मोर्चा” बनाने की अपील की है। संदेश है चेतावनी चीन ने साफ कर दिया है कि जो देश अमेरिका के साथ ऐसे समझौते करेंगे जिससे चीन को नुकसान होगा, तो चीन भी वैसा ही बदला लेगा जैसा अमेरिका करता आया है – यानी टैरिफ बढ़ाना, व्यापार प्रतिबंध लगाना और राजनयिक दबाव बनाना। वैश्विक व्यापार के लिए खतरे की घंटी? विश्लेषकों के अनुसार यह बयान विश्व व्यापार के लिए खतरे की घंटी है। यदि अमेरिका और चीन इस तरह के ‘गुटबाजी आधारित व्यापार’ की तरफ बढ़ते हैं, तो छोटे और मध्यम देशों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, जिन्हें मजबूरी में किसी एक पक्ष का साथ चुनना होगा। “चीन की कीमत पर कोई डील नहीं” चीन ने अंत में यह दोहराया कि वह व्यापारिक साझेदारों की संप्रभुता और निर्णय का सम्मान करता है, लेकिन अगर कोई सौदा चीन की कीमत पर होगा, तो वह चुप नहीं बैठेगा। हिदायत/ईएमएस 22अप्रैल25