नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत और एशिया के दूसरे सबसे अमीर गौतम अडानी ने टेलीकॉम सेक्टर से हाथ पीछे खींचने का फैसला किया है। अडानी ग्रुप ने साल 2022 में जो स्पेक्ट्रम खरीदा था, उसे भारती एयरटेल को बेचने का फैसला किया है। अडानी डेटा नेटवर्क्स स्पेक्ट्रम करीब 212 करोड़ में खरीदा था। अब यह स्पेक्ट्रम एयरटेल को मिल जाएगा। अडानी ग्रुप ने कहा था कि वह इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल अपने निजी इस्तेमाल के लिए करेगा, लेकिन टेलीकॉम विभाग के नियमों के मुताबिक स्पेक्ट्रम खरीदने वाली कंपनियों को कुछ शर्तों को पूरा करना होता है। ऐसा न करने पर जुर्माना लग सकता है। सुनील भारती मित्तल की अगुवाई वाली कंपनी एयरटेल ने कहा कि भारती एयरटेल और उसकी सहायक कंपनी भारती हेक्साकॉम ने अडानी एंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी अडानी डेटा नेटवर्क्स के साथ एक समझौता किया है। इस समझौते के तहत एयरटेल को गुजरात, मुंबई, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु में 26जीएचजेड बैंड का 400 मेगाहर्ज स्पेक्ट्रम इस्तेमाल करने का अधिकार मिलेगा। कंपनी ने यह भी कहा कि यह सौदा कुछ शर्तों और सरकारी मंजूरियों के बाद पूरा होगा। साल 2022 में अडानी ग्रुप के टेलीकॉम सेक्टर में आने के बाद कई तरह की बातें हो रही थीं। माना जा रहा है कि अडानी ग्रुप वोडाफोन आइडिया जैसी मुश्किलों में फंसी कंपनियों को खरीद सकता है। अडानी ग्रुप ने एयरपोर्ट, सीमेंट, डेटा सेंटर, बिजली और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में आक्रामक तरीके से काम किया है। इसलिए माना जा रहा था कि वह टेलीकॉम और डिजिटल सेक्टर में भी रिलायंस जियो जैसा धमाल कर सकता है। लेकिन अडानी ग्रुप ने कहा कि वह सिर्फ अपने निजी इस्तेमाल के लिए स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करना चाहते हैं। वह एयरपोर्ट से लेकर बिजली और डेटा सेंटर तक अपने व्यापार को सपोर्ट करने के लिए एक प्राइवेट नेटवर्क बनाना चाहता है। जानकारों का कहना है कि अडानी ग्रुप का फोकस दूसरे बड़े निवेश वाले सेक्टरों पर है। इसलिए उसने टेलीकॉम सेक्टर से बाहर निकलने का फैसला किया। एक जानकार ने कहा कि भारी निवेश और इस बिजनेस में कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण शायद ग्रुप ने इससे दूर रहने का फैसला किया। टेलीकॉम सेक्टर में बहुत पैसा लगाना पड़ता है और कड़ी प्रतिस्पर्धा है। शायद यही वजह है कि अडानी ग्रुप ने अपने कदम पीछे खींच लिए। सिराज/ईएमएस 23अप्रैल25 --- ---