राष्ट्रीय
28-Apr-2025


नई दिल्ली(ईएमएस)। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉवर्ट वाड्रा अपने ही बयान पर घिर गए हैं। उन्होंने कहा था कि पहलगाम हमला यह संदेश देने की कोशिश है कि देश में मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बीजेपी ने जब रॉबर्ट वाड्रा पर हमला किया तो वह सफाई देने लगे। वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट में कहा, मैं ये शब्द पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ लिख रहा हूं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप इन्हें उसी ईमानदार भावना के साथ ग्रहण करें, जिस भावना से ये लिखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं ईमानदारी, पारदर्शिता और सम्मान के साथ खुद को स्पष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैंने कुछ दिन मौन रहकर इंतजार करने का फैसला किया, लेकिन इसे खामोशी, उदासीनता या देशभक्ति की कमी न समझा जाए। असल में, अपने देश के प्रति मेरे गहरे प्रेम, सत्य के प्रति मेरे अगाध सम्मान और समर्पण के प्रति मेरी प्रतिबद्धता के कारण ही मैंने बोलने से पहले चिंतन करने का समय लिया। मौन वह पड़ाव है जहां जिम्मेदारी परिपक्व होती है, भावनाएं शांत होती हैं और शब्दों का चयन आवेग के बजाय सावधानी से किया जा सकता है। यह स्पष्ट है कि मैंने जो कुछ साझा किया, उसे उसके संपूर्ण संदर्भ में ठीक तरह से नहीं समझा गया। चूंकि मेरे इरादों की गलत व्याख्या की गई, इसलिए मैं समझता हूं कि उन्हें स्पष्ट करना मेरी जिम्मेदारी है। वाड्रा ने कहा, मैं इस बारे में स्पष्ट करना चाहता हूं कि पहलगाम में जो आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें निर्दोष लोगों की जान ली गई और उनके परिवार बिखर गए, उसकी मैं कड़ी से कड़ी निंदा करता हूं। मैं भारत के साथ खड़ा हूं और हमेशा खड़ा रहूंगा। राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक - किसी भी रूप में ऐसा कोई तर्क नहीं है जिसके सहारे निर्दोष- निहत्थे लोगों के विरुद्ध हिंसा को माफ किया जा सके। मेरा मानना है कि किसी भी रूप में आतंकवाद न केवल इंसानों पर बल्कि समूची इंसानियत की आत्मा पर हमला है। यह हर इंसान के भयमुक्त जीवन जीने के बुनियादी अधिकार को खत्म कर देता है। उन्होंने कहा, निर्दोष लोगों के खून बहाने के कृत्य को जायज ठहराने के लिए कोई भी कारण, कोई भी तर्क उचित नहीं हो सकता। जिनका जीवन छिन गया, जिनका भविष्य छिन गया, जिनके दिल अकल्पनीय दुःख से भर गए हैं - उन सबके लिए मैं शोक व्यक्त करता हूं। और मैं सभी से महात्मा गांधी जी की सीख को याद करने का आग्रह करता हूं - उन्होंने कहा था कि अहिंसा सबसे साहसी विकल्प होता है। हमारे देशवासियों का दुख हमारा अपना दुख है। वीरेंद्र/ईएमएस/28अप्रैल2025 -----------------------------------