लेख
30-Apr-2025
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- एक परिवार की प्रेरणादायक कहानी पर आधारित है फ़िल्म राजयोगमार्ग ब्रह्माकुमारीज द्वारा बनाई गई फ़िल्म राजयोग मार्ग बॉलीवुड में पुरूस्कृत होने जा रही है।इस फ़िल्म में बेहतर अभिनय के लिए आरजे रमेश व गोरी कुलकर्णी को भी पुरूस्कृत किया जाएगा।मुंबई में यह फ़िल्म एक भव्य कार्यक्रम में 25 मई को पुरूस्कृत की जाएगी।एक परिवार की प्रेरणादायक कहानी पर आधारित फ़िल्म राजयोगमार्ग विदेश में भी धूम मचा चुकी है।फ़िल्म राजयोग मार्ग के कथानक में, महेश एक मध्यम वर्गीय परिवार का मुखिया है, जो अपने परिवार की खुशियों के लिए दिन-रात मेहनत करता है। वह अपने काम के प्रति ईमानदार और परिवार के प्रति समर्पित है। एक दिन उसे अपनी कंपनी से प्रमोशन और एक नया प्रोजेक्ट मिलता है। इस नए जिम्मेदारी के कारण महेश का अधिकांश समय काम में बीतने लगता है, और वह अपने परिवार को समय नहीं दे पाता।काम के दबाव के चलते वह खुद को परिवार से दूर और तनावग्रस्त महसूस करने लगता है। इसी दौरान कंपनी में खर्चे घटाने के लिए कुछ कर्मचारियों की छंटनी होती है, जिसमें महेश का नाम भी शामिल होता है। नौकरी से निकाले जाने की खबर महेश के लिए एक बड़ा झटका साबित होती है। वह मानसिक रूप से तनावग्रस्त होकर शहर की सड़कों पर भटकता रहता है।एक दिन, गहरी सोच में डूबे हुए, महेश का एक्सीडेंट हो जाता है। सिर पर गंभीर चोटें आती हैं, और परिवार के लिए यह समय बेहद मुश्किल भरा हो जाता है। उनकी बेटी, रिया, जो अब तक घर की चुलबुली लड़की थी, इस मुश्किल घड़ी में ब्रह्माकुमारीज संगठन के संपर्क में आती है। रिया वहां से सकारात्मकता और जीवन जीने की प्रेरणा प्राप्त करती है।रिया नियमित रूप से ध्यान और प्रार्थना करने लगती है। उसकी सच्ची प्रार्थनाओं का असर होता है, और डॉक्टर महेश का सफल ऑपरेशन कर पाते हैं। इसके लिए एक एनजीओ महेश के इलाज का खर्च उठाता है। धीरे-धीरे महेश तेजी से ठीक होने लगता है।महेश की मेहनत और प्रतिभा को पहचानते हुए एक कंपनी उसे वही प्रोजेक्ट अपनी खुद की कंपनी के रूप में शुरू करने का मौका देती है। महेश इसे स्वीकार करता है, और परिवार में खुशियां वापस लौट आती हैं। उनका बेटा अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करता है, और परिवार के सभी सदस्य फिर से एकजुट होकर सुख-शांति से रहने लगते हैं।इस बीच, रिया अपने माता-पिता को बताती है कि वह शादी नहीं करेगी और अपना जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित करना चाहती है। वह ब्रह्माकुमारीज संगठन में शामिल होकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लेती है। महेश अपनी बेटी के इस निर्णय पर गर्व महसूस करता है और कहता है, मैं तुम्हारे इस महान कार्य में तुम्हारा साथ दूंगा और तुम्हारे संगठन को अपने व्यवसाय से वित्तीय सहायता भी दूंगा। इस तरह, राजयोग मार्ग एक परिवार की संघर्ष और एकता की कहानी है, जो बताती है कि सकारात्मकता और एकजुटता के साथ हर समस्या का समाधान संभव है।यह फिल्म एक परिवार के संघर्ष, एकता और आध्यात्मिक जागरण की यात्रा को दर्शाती है। यह एक साधारण परिवार की असाधारण संघर्ष यात्रा है, जो आध्यात्मिक शक्ति से जीवन को बदल देती है। फ़िल्म का संदेश यही ही है कि परिवार और परमात्मा के संग से जीवन में हर अंधेरा दूर होकर जीवन को रोशन कर सकता है। (यह लेखक के व्य‎‎‎क्तिगत ‎विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अ‎निवार्य नहीं है) ईएमएस / 30 अप्रैल 25