रावलपिंडी (ईएमएस)। रावलपिंडी में तीन प्रमुख सरकारी अस्पतालों में चल रही डॉक्टर्स की हड़ताल से हजारों मरीजों को परेशानी हो रही है। पंजाब सरकार की सार्वजनिक अस्पतालों को आउटसोर्स करने की योजना के विरोध में यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन (वाईडीए) पिछले सप्ताह से हड़ताल पर है। रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स ने वाईडीए पंजाब के आह्वान पर तीन अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं का बहिष्कार किया। इनमें होली फैमिली अस्पताल (एचएफएच), बेनजीर भुट्टो अस्पताल (बीबीएच) और रावलपिंडी टीचिंग अस्पताल (आरटीएच) राजा बाजार शामिल हैं। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि संभागीय प्रशासन के अधिकारियों ने अस्पतालों का दौरा किया। हालांकि कथित तौर पर ओपीडी में सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन (वाईडीए) को मनाने के लिए कुछ नहीं किया। रावलपिंडी टीचिंग अस्पताल के मरीजों ने हड़ताल की आलोचना कर कहा कि सरकार अपने दावों के बावजूद बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अक्सर हर महीने हड़ताल पर जाते हैं। ज्यादातर गरीब लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में आते हैं, लेकिन यहां कोई सुविधा नहीं है। वाईडीए बीबीएच के अध्यक्ष आरिफ अजीज ने कहा कि रावलपिंडी के तीन प्रमुख शिक्षण अस्पतालों में वाईडीए की ओपीडी हड़ताल का नौवां दिन था, लेकिन न संभागीय प्रशासन और न ही अस्पताल प्रशासन ने उनसे संपर्क किया। अजीज ने कहा, यह विरोध वेतन को लेकर नहीं है। यह पूरी तरह से अस्पतालों की आउटसोर्सिंग के खिलाफ है। हम स्वास्थ्य सेवा के निजीकरण की अनुमति नहीं दे सकते है। अगर अस्पतालों को आउटसोर्स हुआ तब गरीब मरीज किफायती इलाज से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा, हमारा संघर्ष जन कल्याण और सरकारी संस्थाओं की सुरक्षा के लिए है। जब तक सरकार आउटसोर्सिंग योजना को औपचारिक रूप से समाप्त नहीं कर देती, ओपीडी हड़ताल जारी रहेगी। इस बीच, पंजाब भर के युवा डॉक्टर्स ने कई सरकारी अस्पतालों के ऑपरेशन थिएटर बंद कर दिए। स्थानीय मीडिया ने बताया कि पिछले सप्ताह वाईडीए की पंजाब शाखा ने प्रांतीय राजधानी की सभी मुख्य सड़कों पर धरना देकर लाहौर को बंद करने की घोषणा की थी, ताकि पंजाब सरकार को प्रांत में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को आउटसोर्स करने के निर्णय की समीक्षा करने के लिए मजबूर किया जा सके। आशीष दुबे / 30 अप्रैल 2025