इस्लामाबाद,(ईएमएस)। पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव और सेना के खिलाफ जन असंतोष एक बार फिर चरम पर पहुंचता दिखाई दे रहा है। भारत में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से जंग की आशंका बढ़ती जा रही है, ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई और उनकी वापसी की मांग जोर पकड़ने लगी है। सोशल मीडिया से लेकर संसद तक, खान के समर्थक उनकी तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं। वहीं सेना प्रमुख आसिम मुनीर के इस्तीफे की मांग सोशल मीडिया पर जोर पकड़ने लगी है। पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान के पू्र्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जिन्हें अप्रैल 2022 में सेना से मतभेद के बाद सत्ता से हटा दिया गया था, इस समय भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिनमें सेना मुख्यालयों पर हमले भी शामिल थे। अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर रिलीज खान फॉर पाकिस्तान हैशटैग कर रहा है। इसके साथ ही फ्री इमरान खान, रिजाइन आसिम मुनीर जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान के समर्थन में अब तक 3 लाख से अधिक पोस्ट किए जा चुके हैं, जबकि फ्री इमरान खान को 35,000 से अधिक बार उपयोग किया गया है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और उसके समर्थकों का कहना है कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर न केवल इमरान खान को सत्ता से हटाने के पीछे थे, बल्कि अब वे भारत-पाक तनाव को और बढ़ा रहे हैं। कुछ पोस्टों में आरोप लगाया गया कि पहलगाम हमले की साजिश भी सेना के उच्च अधिकारियों ने रची। सीनेट में भी उठी आवाज पिछले सोमवार को सीनेट में पीटीआई के वरिष्ठ नेता शिबली फराज ने इमरान खान की रिहाई की मांग करते हुए कहा था, कि देश की नीति तय करने में इमरान खान की भूमिका होनी चाहिए। यहां बताते चलें कि 25 अप्रैल को पीटीआई के स्थापना दिवस पर भी ऑनलाइन अभियानों ने रफ्तार पकड़ी और इमरान की “अवैध नजरबंदी” के खिलाफ सैकड़ों पोस्ट किए गए। वहीं, सेना के खिलाफ भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं हैं। हिदायत/ईएमएस 03 मई 2025