नई दिल्ली(ईएमएस)। परिवहन विभाग रैश ड्राइविंग पर लगाम कसने के लिए पॉइंट सिस्टम पर विचार कर रहा है। इसके तहत यदि कोई ड्राइवर ओवरस्पीड गाड़ी चलाता है या फिर रेड लाइट जंप करता है तो उसके लाइ़सेंस पर निगेटिव पॉइंट हो जाएंगे। यही नहीं यदि इन निगेटिव पॉइंट्स की संख्या एक लिमिट से ज्यादा हुई तो फिर ड्राइविंग लाइसेंस को सस्पेंड या फिर रद्द तक किया जा सकता है। ये निगेटिव पॉइंट चालान से अलग होंगे। इसका अर्थ हुआ कि ओवरस्पीड, रेड लाइट पार करने और सीट बेल्ट आदि न पहनने पर जो चालान होते हैं, वह जारी रहेंगे। इसके अलावा पॉइंट वाला सिस्टम भी जुड़ जाएगा। अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। उसी के लिए जो मंथन हुआ है, उसमें यह प्रस्ताव रखा गया है। परिवहन विभाग ने देश के सभी राज्यों से इस संबंध में विमर्श किया है और उसके आधार पर ही ऐसी सख्त व्यवस्था लाने की तैयारी है। भारत में ऐसी व्यवस्था पहली बार आएगी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा जैसे देशों में यह पहले से लागू है। यही नहीं चीन के भी कुछ शहरों में प्रशासन ने पॉइंट सिस्टम वाली व्यवस्था शुरू की है। परिवहन विभाग के सूत्रों का कहना है कि लाइसेंसिंग सिस्टम में मेरिट और डिमेरिट पॉइंट जोड़े जाएंगे। इसके अगले कुछ महीनों में ही मोटर वीकल्स ऐक्ट में संशोधन किया जाएगा और फिर पॉइंट सिस्टम की व्यवस्था शुरू होगी। इसके तहत गलतियां करने पर डिमेरिट पॉइंट जुड़ेंगे और अच्छा व्यवहार दिखाने पर मेरिट पॉइंट दिए जाएंगे। दरअसल 2019 में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की पहल पर ट्रैफिक चालान की दरों में भारी इजाफा किया गया था। सरकार का मानना था कि इससे लोग रैश ड्राइविंग से बचेंगे और हादसों में कमी आएगी। इस बढ़ोतरी का भी मामूली असर ही दिखा है। ऐसे में अब पॉइंट सिस्टम पर विचार हो रहा है। हर साल करीब 1 लाख 70 हजार लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं या फिर घायल होते हैं। अब जो नई व्यवस्था लागू होगी, उसके तहत इलेक्ट्रॉनिक कैमरों की मदद से किसी भी ड्राइवर की गलती को पकड़ने में आसानी होगी। वीरेंद्र/ईएमएस/03मई 2025