राष्ट्रीय
03-May-2025


अहमदाबाद (ईएमएस)| गुजरात सरकार, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम कर रही है। राज्य सरकार जघन्य अपराधों के पीड़ितों को शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि गुजरात में नये कानून के तहत मात्र 72 दिनों में मृत्युदंड पर पहला ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है। अंकलेश्वर सत्र न्यायालय ने भारतीय न्याय संहिता के तहत एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसमें झगड़िया जीआईडीसी में एक मासूम 10 वर्षीय लड़की के अपहरण, क्रूर बलात्कार और क्रूर हत्या के अपराध में आरोपी विजय पासवान को सिर्फ 72 दिनों में मौत की सजा सुनाई गई है। यह फैसला राज्य में नये कानून के तहत दिया गया पहला फांसी का फैसला है, जो गुजरात की न्यायपालिका और पुलिस प्रणाली की दक्षता का प्रतीक है। भरूच जिले के झगड़िया जीआईडीसी में 72 दिन पहले घटी इस घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया था। आरोपी ने अकल्पनीय क्रूरता दिखाई थी, जिसमें लड़की के शरीर पर लगभग 30 घाव और उसके गुप्तांग पर रॉड से वार करना शामिल था। ऐसे जघन्य अपराध के लिए न्यायालय ने आरोपी को फांसी की सजा तथा पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह फैसला त्वरित एवं सख्त न्याय का उदाहरण होगा। भरूच एसपी मयूर चावड़ा के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने सूक्ष्म जांच की, जिसमें 10 से अधिक अधिकारियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। सरकारी वकील परेश पंड्या ने निस्वार्थ भाव से इस मामले को रेरेस्ट ऑफ रेर श्रेणी में रखा और अदालत के समक्ष मजबूत तर्क और सबूत पेश किए। यह फैसला न्याय प्रणाली में विश्वास पैदा करता है और समाज को स्पष्ट संदेश देता है कि ऐसे अपराधियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। गुजरात सरकार ऐसे अपराध करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने, मृत्युदंड तक की सजा सुनिश्चित करने तथा पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए दृढ़तापूर्वक काम कर रही है। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने इस मामले में त्वरित एवं सटीक न्याय प्रदान करने में योगदान देने के लिए न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त किया है तथा इस मामले में मजबूत साक्ष्य जुटाने एवं कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए उत्कृष्ट जांच करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी है। सतीश/03 मई