राज्य
04-May-2025


भोपाल (ईएमएस) । एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान न केवल उत्कृष्ट चिकित्सकीय सेवाएँ प्रदान कर रहा है, बल्कि समुदाय आधारित स्वास्थ्य पहलों में भी निरंतर सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इसी कड़ी में, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (एमपीसीएसटी), भोपाल द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लोकप्रियकरण योजना के अंतर्गत एम्स भोपाल को एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय विद्यालयों के शिक्षकों को जनजातीय बच्चों में पोषण संबंधी कमियों की प्रारंभिक पहचान, स्त्रीरोग संबंधी समस्याओं की समय रहते पहचान, उनकी रोकथाम और इस विषय में जागरूकता बढ़ाने, तथा जीवनरक्षक प्राथमिक चिकित्सकीय प्रबंधन जैसी महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य पहलुओं में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को राज्य के एकलव्य, ज्ञानोदय, कन्या शिक्षा परिसर तथा एक्सीलेंस स्कूलों में एक वर्ष की अवधि में संचालित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमुख अन्वेषक डॉ. विक्रम वट्टी (सहायक प्रोफेसर, कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग) हैं, जबकि डॉ. भूपेश्वरी पटेल (अतिरिक्त प्रोफेसर, ट्रॉमा एवं आपातकालीन विभाग) और डॉ. केतन मेहरा (एसोसिएट प्रोफेसर, यूरोलॉजी विभाग) सहायक अन्वेषक के रूप में इसमें सहयोग प्रदान करेंगे। प्रशिक्षण सत्रों में विशेषज्ञ व्याख्यान, जागरूकता सत्र, क्विज़, पोस्टर प्रतियोगिता तथा सहभागिता आधारित अन्य गतिविधियाँ सम्मिलित होंगी, जिससे शिक्षक अपने विद्यालयों में बच्चों को संकट की स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान करने में सक्षम बन सकें। इस अवसर पर प्रो. सिंह ने कहा: यह पहल एम्स भोपाल की सामुदायिक स्वास्थ्य एवं जनकल्याण के प्रति गहन प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जब हम जनजातीय क्षेत्रों के शिक्षकों को आपातकालीन चिकित्सा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, तब हम न केवल उन्हें जीवनरक्षक कौशल से सशक्त बना रहे हैं, बल्कि देश की प्राथमिक स्वास्थ्य व्यवस्था को भी सुदृढ़ कर रहे हैं। इस कार्यक्रम से सैकड़ों बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ईएमएस/04मई2025