-जब देश के दिग्गज हाथ जोड़कर खड़े हो गए थे बाबा शिवानंद के सामने वाराणसी(ईएमएस)। कहते हैं कि त्याग, तपस्या और साधना के आगे हर किसी का माथा स्वत: ही झुक जाता है। पद्मश्री बाबा शिवानंद भी त्याग और तपस्या के प्रतिमूर्ति थे। 21 मार्च 2022 को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में शिवानंद बाबा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। तब, सफेद धोती-कुर्ता पहने 125 साल के शिवानंद बाबा आए और उन्होंने पीएम मोदी को प्रणाम किया। जिसके बाद पीएम मोदी ने भी अपनी कुर्सी से खड़े होकर शिवानंद बाबा को हाथ जोड़कर झुककर प्रणाम किया। इसके बाद शिवानंद बाबा ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगे झुककर नमस्कार किया। जिसके बाद राष्ट्रपति कोविंद ने उन्हें अपने हाथों से उठाया। उसके बाद पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बता दें कि योग गुरु बाबा शिवानंद का 128 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में शनिवार रात 8.45 बजे आखिरी सांस ली। तबीयत बिगड़ने के बाद पिछले तीन दिन से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी मौत के बाद बीएचयू के बाहर चाहने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। कहा जाता है कि वह हर दिन आधा पेट ही भोजन करते थे, साथ ही उबला हुआ भोजन करते थे। वह भीषण गर्मी में कभी एसी में नहीं सोते थे। ठंड में हीटर का इस्तेमाल नहीं करते थे। हमेशा जमीन पर चटाई बिछाकर और लकड़ी का तकिया रखकर सोते थे। हर सुबह योग के कठिन आसन करते थे। कहा जाता है कि वह कभी बीमार नहीं पड़े थे। 2019 में कोलकाता और चेन्नई के अपोलो अस्पताल में जब उनका मेडिकल चेकअप कराया गया था तो उन्हें पूरी तरह स्वस्थ्य पाया गया था। वाराणसी में 128 साल की उम्र में पद्मश्री से सम्मानित शिवानंद बाबा का निधन हो गया। वह तीन दिनों से बीएचयू अस्पताल में भर्ती थे। निधन के बाद चाहने वालो का जमावड़ा लग गया। रविवार को हरिश्चन्द्र घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। शिवानंद बाबा वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित कबीर नगर में रहते थे। वीरेंद्र/ईएमएस/04मई 2025 -----------------------------------