05-May-2025
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सिडनी (ईएमएस)। एक वायरस, जिसे पहले वैज्ञानिक रूप से विचित्र माना जाता था, अब यह पता चला है कि वह खतरनाक बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक हो सकता है। यह दावा किया है वैज्ञानिकों ने एक ताजा अध्ययन में। यह अध्ययन बैक्टीरियोफेज (फेज) पर केंद्रित था, जो ऐसे वायरस होते हैं जो बैक्टीरिया को संक्रमित करते हैं और कई रूपों में मौजूद होते हैं। खासकर, शोधकर्ताओं ने टेलोमेर फेज की जांच की, जो एक संरचना होती है और डीएनए गुणसूत्रों में पाई जाती है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब यह स्पष्ट हुआ है कि ये वायरस केवल निष्क्रिय पैसिव पैसेंजर्स नहीं होते, बल्कि ये अच्छे बैक्टीरिया को बुरे बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं। पहले के अध्ययनों ने केवल इनके डीएनए पुनरुत्पादन को डिकोड किया था, लेकिन साइंस एडवांस में प्रकाशित एक नए अध्ययन ने यह खुलासा किया कि टेलोमेर फेज ले जाने वाले बैक्टीरिया विषाक्त पदार्थों का निर्माण करते हैं, जो प्रतिद्वंद्वी बैक्टीरिया को मार देते हैं। मोनाश बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट के बैक्टीरियल सेल बायोलॉजी लैब के प्रमुख, ट्रेवर लिथगो ने कहा, 20 से अधिक वर्षों के जीवाणु जीनोमिक्स के अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि टेलोमेर फेज हमारे नजरों से छिपे थे। यह दर्शाता है कि हमने जीवविज्ञान के एक महत्वपूर्ण पहलू को मिस कर दिया था। लिथगो ने यह भी बताया कि क्लिनिकल क्लेबसिएला स्ट्रेन को अनुक्रमित करने के बाद चौथे टेलोमेर फेज की खोज की गई थी। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि टेलोमेर फेज दुर्लभ नहीं हैं, बल्कि यह क्लेबसिएला के हजारों स्ट्रेन्स में प्रचलित हैं, जिनमें जलमार्ग वातावरण से एकत्र किए गए स्ट्रेन्स भी शामिल हैं। लिथगो ने आगे कहा, इसके अलावा, विषाक्त पदार्थों की खोज टेलोसिन ने हमें जीवाणु प्रबंधन रणनीति बनाने में मदद की है। टेलोमेर फेज ले जाने वाले गुड बैक्टीरिया बैड क्लेबसिएला को मारने में सक्षम होंगे, और ये बैड बैक्टीरिया एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी क्लेबसिएला हैं। लिथगो और उनकी टीम के सदस्य, सैली बायर्स ने कहा कि अब उनका उद्देश्य यह समझना है कि मेजबान विष को कैसे स्रावित करता है और यह विष अनजान बैक्टीरिया तक कैसे पहुंचता है। सुदामा/ईएमएस 05 मई 2025