जब तक इस्लाम रहेगा, तब तक आतंकवाद - इस्लाम 1400 साल में भी विकसित नहीं हुआ, तर्क और मानवता पर हावी आस्था नई दिल्ली (ईएमएस)। निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने पहलगाम आतंकी हमले और ढाका में 2016 के आतंकी हमले के बीच समानताएं बताते हुए कहा कि आतंकवाद तब तक रहेगा जब तक इस्लाम रहेगा। दिल्ली में एक लिट्रेचर फेस्ट के सेशन में उन्होंने कहा कि इस्लाम 1400 साल में भी विकसित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक इस्लाम आतंकवादियों को जन्म देता रहेगा। 2016 में ढाका के हमले में मुसलमानों को इसलिए मार दिया गया, क्योंकि वे कलमा नहीं पढ़ पाए थे। जब आस्था को तर्क और मानवता पर हावी होने दिया जाता है, तो यही होता है। मुसलमान हर जगह मस्जिद बनाने में व्यस्त तस्लीमा ईशनिंदा के आरोपों के बाद नसरीन 1994 से स्वीडन, अमेरिका और भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी बताया कि यूरोप में चर्च संग्रहालयों में बदल गए हैं, लेकिन मुसलमान हर जगह मस्जिद बनाने में व्यस्त हैं। हजारों मस्जिदें हैं और वे और भी मस्जिदें बनाना चाहते हैं। वे जिहादी पैदा करते हैं। मदरसे नहीं होने चाहिए। बच्चों को सभी किताबें पढऩी चाहिए, सिर्फ एक नहीं। मुझे भारत से प्यार है, यह घर जैसा लगता है उन्होंने कहा कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थायी निवासी हूं। वहां 10 साल तक रही हूं, लेकिन मुझे हमेशा एक बाहरी व्यक्ति जैसा महसूस होता था। कोलकाता आने पर ही मुझे घर जैसा महसूस हुआ। पश्चिम बंगाल से निकाले जाने के बाद भी मुझे दिल्ली में दूसरा घर मिल गया। इस देश ने मुझे अपनेपन का एहसास दिया है, जो मेरा अपना देश नहीं दे सका। बांग्लादेश को लेकर तस्लीमा ने दुख जताया और कहा कि उनके देश में महिलाएं सभी बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं। तस्लीमा ने समान नागरिक संहिता की वकालत भी की। वे बोलीं- हर सभ्य देश में समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। भारत में भी। मैं इसका समर्थन करती हूं। इस्लामी पितृसत्ता कुरान के अधिकार चाहते हैं। अधिकार कभी भी धार्मिक नहीं होने चाहिए।