राज्य
06-May-2025
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- मप्र सरकार ने अवैध वसूली की शिकायतों के बाद परिवहन विभाग के चेक पोस्ट तो बंद कर दिए, लेकिन मैदानी अमले ने नहीं की वसूली बंद - कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने आरटीओ चेक पोस्ट का वीडियो जारी किया -पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट कर पूछा- आखिर किसके पास जा रहा पैसा भोपाल (ईएमएस)।मप्र सरकार ने अवैध वसूली की शिकायतों के बाद परिवहन विभाग के चेक पोस्ट तो बंद कर दिए, लेकिन मैदानी अमले ने वसूली बंद नहीं की है। इसकी शिकायत ट्रांसपोर्टर लगातार कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने एक आरटीओ चेक पोस्ट का वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में अवैध वसूली करते हुए दिखाया गया है। यह तो महज एक उदाहरण है। लगभग एक साल पहले, मप्र में गुजरात मॉडल को लागू करते हुए परिवहन चौकियों को बंद कर दिया गया था। उनकी जगह अंतरराज्यीय सीमा पर 45 चेक प्वाइंट बनाए गए थे लेकिन यहां भी ट्रकों और वाहनों से अवैध वसूली की शिकायतें आ रही हैं। यानी प्रदेश में चेक पोस्ट बंद करके जो 45 चेक पाइंट बनाए गए हैं, वहां रात-दिन वाहनों से अवैध की जा रही है। गौरतलब है कि मप्र सरकार ने पिछले साल जुलाई से प्रदेश भर में परिवहन चेकपोस्ट बंद करने का आदेश जारी किया था। परिवहन विभाग के फैसले के बाद भी आरटीओ चेकपोस्ट पर वसूली का खेल लगातार चल रहा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आरटीओ चेकपोस्ट पर हो रही वसूली का वीडियो शेयर करते हुए पूछा है- आखिर सरकार से बड़ा कौन? अरुण यादव ने एक्स पर आगे लिखा कि मामला शिवपुरी जिले के दिनारा का है। जहां आरटीओ चेक पॉइंट पर प्रतिदिन हजारों वाहनों की अवैध रूप से वसूली हो रही है। आखिर प्रदेश में अवैध वसूली किसके नाम पर हो रही है? इसका पैसा किसके पास जा रहा है? पिछले साल जुलाई में प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमाओं पर परिवहन जांच चौकियां बंद कर दी गई थीं। इसके साथ ही परिवहन विभाग की ओर से यह दावा किया गया था कि अब नई व्यवस्था के तहत रोड सेफ्टी एंड इंफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। पहले चरण में 45 चेक पाइंट बनाए जाएंगे। इनके तैयार होने तक मोबाइल यूनिट गठित कर वाहनों की जांच की जाएगी। दरअसल, प्रदेश में संचालित आरटीओ चेक पोस्ट पर लगातार गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थी। जिसके बाद सरकार ने इन्हें बंद करने का आदेश जारी किया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद परिवहन विभाग ने इसके आदेश जारी किए थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी जिलों के कलेक्टर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस नई व्यवस्था की जानकारी देकर इसका पालन कराने के लिए कहा था। इसके बाद भी लगातार वसूली की शिकायतें सामने आ रहीं हैं। इन 45 जगहों पर चेकिंग पॉइंट झाबुआ में अहमदाबाद-इंदौर रोड, कुशलगढ़-इंदौर रोड, अलीराजपुर में अलीराजपुर-छोटा उदयपुर रोड, बड़वानी में बॉम्बे-आगरा रोड, बुरहानपुर में खंडवा-एदिलाबाद, अमरावती-जलगांव, इंदौर मार्ग, रतलाम में रतलाम-बांसवाड़ा, जावरा-बनसुरा प्रतापगढ़ रोड, मंदसौर में मंदसौर-डूंगरपुर, झालावाड़-भानपुरा रोड, नीमच में नीमच-उदयपुर, चित्तौडग़ढ़-इंदौर मार्ग, आगर-मालवा में उज्जैन-झालावाड़ रोड, मुरैना में आगरा-बॉम्बे रोड, दतिया में झांसी-ग्वालियर, चिरूला चैकपॉइंट, शिवपुरी में झांसी-शिवपुरी, शिवपुरी-कोटा रोड, भिंड में इटावा-ग्वालियर रोड, गुना में बीनागंज-मनोहर थाना रोड, श्योपुर में श्योपुर-कोटा, श्योपुर-सवाईमाधोपुर, राजगढ़ में जबलपुर-जयपुर, बैतूल में नागपुर-भोपाल, वरूद-बैतूल, सिवनी में नागपुर-जबलपुर, पांढुर्ना में नागपुर-छिंदवाड़ा, बालाघाट में बैहर-बालाघाट गडई, गोंदिया-बालाघाट, तुमसर-कटंगी, डिंडोरी में डिंडोरी-कवर्धा, डिंडोरी-पेंड्रा, मंडला में मंडला-कवर्धा, सागर में झांसी-सागर, मालथौन, छतरपुर में कानपुर-छतरपुर, नयागांव-झांसी, छतरपुर-महोबा, निवाड़ी में निवाड़ी-झांसी, रीवा में मिर्जापुर-रीवा, रीवा-इलाहाबाद, सिंगरौली में सिंगरौली-मिर्जापुर, सतना में सतना-चित्रकूट, अनूपपुर में शहडोल-अंबिकापुर और अनूपपुर-पेंड्रा रोड आदि। सारे कायदे-कानून कागजी गौरतलब है की शिकायतें मिलने के बाद मप्र में परिवहन विभाग ने वाहनों की जांच के लिए नए नियम बनाए गए हैं। ये नियम 21 अप्रैल से लागू हो गए हैं। इन नियमों के अनुसार, जांच करने वाले अधिकारियों को बॉडी वार्न कैमरे और पीओएस मशीन का इस्तेमाल करना होगा। जांच पूरी करने के लिए सिर्फ 15 मिनट का समय मिलेगा। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अवैध वसूली को रोका जा सके और वाहन मालिकों को बेवजह परेशान न किया जाए। अगर किसी वाहन को ज्यादा देर तक रोका जाता है, तो उसका कारण बताना होगा। लेकिन इसका पालन कहीं नहीं हो रहा है। नियमों के अनुसार एक गाड़ी की जांच पूरी होने के बाद ही दूसरी गाड़ी को रोका जा सकेगा। जांच के दौरान बॉडी वार्न कैमरे लगाना जरूरी है। कर्मचारियों को वर्दी पहननी होगी और उस पर नाम की प्लेट भी लगानी होगी। परिवहन आयुक्त के नए आदेश के अनुसार, जांच सिर्फ वर्दी पहने हुए अधिकारियों की मौजूदगी में ही होगी। जांच के दौरान कम से कम एक सहायक परिवहन उप निरीक्षक का होना जरूरी है। कर्मचारियों को वर्दी पहननी होगी और वर्दी पर नाम की प्लेट भी लगानी होगी। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया, तो कार्रवाई की जाएगी। रात को चेकिंग के लिए ये शर्त जांच के दौरान कोई भी प्राइवेट आदमी वहां नहीं रह सकता। रात में जांच करते समय, ऐसी जगह चुननी होगी जहां अच्छी रोशनी हो। स्टाफ को एलईडी बैटन और रिफ्लेक्टिव जैकेट दिए जाएंगे। परिवहन आयुक्त ने साफ कहा है कि अगर कोई इन नियमों को तोड़ेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परिवहन विभाग के चेक प्वाइंट और उडऩदस्ते अब जांच की पूरी रिकॉर्डिंग करेंगे। जांच के दौरान दो कैमरे चालू रहेंगे। एक कैमरा लाइव मोड में रहेगा, जबकि दूसरा स्टैंड बाय मोड में रहेगा। कैमरों की निगरानी और रिकॉर्डिंग की जिम्मेदारी यूनिट प्रभारी की होगी। जांच की रिकॉर्डिंग को संभालकर रखना होगा और कैमरों को हमेशा चार्ज रखना होगा।