राज्य
06-May-2025
...


साधुओं की सेवा करने बालों के भव भव के कष्ट दूर हो जाते है भोपाल (ईएमएस)। साधुओं की सेवा करने बालों के भव भव के कष्ट दूर हो जाते है,इसलिये शास्त्रों में प्रतिदिन वैयावृत्ति करने का उल्लेख है उपरोक्त उदगार मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज ने सांयकालीन शंकासमाधान के अवसर पर व्यक्त किये। मुनि श्री ने कहा कि वैयावृत्ति एक सेवा रुपी कर्म है इसे सभी लोगों को तत्परता से करना चाहिये, लेकिन इसमें विवेक का ध्यान रखना चाहिये उसमें किसी प्रकार का अतिरेक नहीं होंना चाहिये। मुनि श्री नेबुरी आदतों और बुरे कार्यों के प्रति बहूत जल्द आकृषित हो जाते है का उत्तर देते हुये कहा कि बुरी संगत से बुरीआदतें आ जाती है,तो उनसे बचने के लिये मजबूत दृढ़ संकल्प तथा उस संकल्प के प्रति हमेशा सजग रहें उसे किसी भी प्रकार से टूटने न दें यदि टूटता है तो उसका प्रतिक्रमण करें और अपने आपको आत्म सुझाव दें तथाअपनी समीक्षा करें एवं उसकी पुनरावृत्ति से बचने का प्रयास करें। मुनि श्री ने कहा कि टैक्नोलॉजी का यदि हम सही सही उपयोग करेंगे तो उससे भी हम धर्म की प्रभावना कर सकते है, तथा अपने जीवन में परिवर्तन ला सकते है। प्रातःकालीन प्रवचन सभा में मुनि श्री संधान सागर महाराज ने कहा किविद्वान वह नहीं जो हर प्रश्न का उत्तर दे विद्वान तो वह है,जो हर प्रश्न को निरुत्तर कर दे उन्होंने कहा कि पूज्य महाराज श्री द्वारा प्रतिदिन अ अक्षर से दिल को छूने बाले प्रवचन तथा उन बुराइयों तथा नकारात्मकता का समाधान भावनायोग के माध्यम से दिया जा रहा है मुनि श्री के अ शव्द से शुरू 20 प्रवचनों की श्रंखला में 18 प्रवचन हो चुके है जिसमें मुनि श्री ने इन प्रवचनों के माध्यम से अंदर के द्वंद जैसे बात बात पर गुस्सा, अवसाद,तथा डिप्रेशन,में चले जाते है इन सभी का समाधान इन प्रवचनों के माध्यम से आप निकाल सकते है।मुनि श्री ने कहा कि आजकल हर कार्य में नफा नुकसान देखा जाता है यह मानवीय बुद्धि का दुरुपयोग है उन्होंने कहा कि आप लोग हर कार्य में तिकड़म लगाते है, ठीक है तिकडम लगाइये हम निषेध नहीं कर रहे लेकिन ध्यान रखना व्यापार बुद्धि से व्यापार अवश्य चला सकते है,लेकिन घर परिवार तो भावनाओं से ही चला करता है उपरोक्त जानकारी प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी ने देते हुये बताया मुनि संघ के प्रवचन प्रतिदिन विद्यासागर प्रवंध संस्थान अवधपुरी में प्रातः8:35 से तथा शंकासमाधान सांयकाल 6-15 से चल रहे है।