ज़रा हटके
07-May-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। हाथ से लिखने वाले बच्चे ज्यादा अच्छी तरह और जल्दी सीखते हैं। स्पेन की बास्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में 5 से 6 साल के बच्चों पर शोध किया गया, जो पढ़ाई और लिखाई सीखने की शुरुआती अवस्था में होते हैं। यह अध्ययन हाल ही में एक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। शोध में दो समूहों के बच्चों को शामिल किया गया। एक समूह को कंप्यूटर कीबोर्ड से टाइपिंग कराई गई, जबकि दूसरे समूह को हाथ से पेंसिल और कागज़ पर लिखवाया गया। परिणामस्वरूप, जिन बच्चों ने हाथ से लिखा, उन्होंने नए अक्षरों और शब्दों को ज्यादा अच्छे तरीके से सीखा और उनका पढ़ने और लिखने का कौशल भी मजबूत पाया। शोधकर्ता जोआना अचा ने बताया कि जब बच्चा हाथ से लिखता है, तो वह अक्षरों के आकार को ट्रेस करता है, जिससे हाथ और दिमाग के बीच बेहतर तालमेल बनता है। इस समन्वय से बच्चों को शब्दों और अक्षरों को जल्दी समझने और याद रखने में मदद मिलती है। अचा ने यह भी कहा, हमने देखा कि हाथ से लिखने वाले बच्चों ने सबसे बेहतरीन परिणाम दिए। यह अध्ययन यह स्पष्ट करता है कि डिजिटल लर्निंग जरूरी है, लेकिन बच्चों के भाषाई विकास और सीखने की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए हाथ से लिखने की आदत भी महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों को स्मार्ट लर्निंग के साथ-साथ पारंपरिक लिखाई अभ्यास को भी बनाए रखना चाहिए। हाल ही में एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि बच्चों ने कीबोर्ड के मुकाबले कागज और पेंसिल से लिखते समय बेहतर और उच्च गुणवत्ता वाले पाठ तैयार किए। यह अध्ययन बच्चों के विचार, शब्दावली, वर्तनी और विराम चिह्नों पर आधारित था, जिसमें हाथ से लिखने का तरीका अधिक प्रभावी पाया गया। बता दें कि आजकल स्कूलों में पढ़ाई के तरीके तेजी से बदल रहे हैं। भारत समेत कई देशों में स्मार्ट क्लासेज और डिजिटल लर्निंग का चलन बढ़ गया है। बच्चे अब पेंसिल और कॉपी की जगह कीबोर्ड और टैबलेट पर पढ़ाई करने लगे हैं। सुदामा/ईएमएस 07 मई 2025