नई दिल्ली (ईएमएस)। हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि जब प्लास्टिक की बोतलें तेज धूप में बंद कार के भीतर रहती हैं, तो बढ़े हुए तापमान के कारण उनमें से खतरनाक रसायन पानी में घुलने लगते हैं। गर्मियों में कार में सफर के दौरान प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना अब आपकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। ये रसायन धीरे-धीरे शरीर के अंदर जाकर न सिर्फ हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं बल्कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ाते हैं। जानकारों के अनुसार, गर्म कार में प्लास्टिक की बोतलें बिसफेनॉल-ए (बीपीए) और एंटिमनी जैसे जहरीले तत्व छोड़ती हैं। ये रसायन पानी में घुलकर शरीर में प्रवेश करते हैं और धीरे-धीरे विषैले प्रभाव छोड़ते हैं। लंबे समय तक इनका सेवन करने से हार्मोन प्रणाली पर बुरा असर पड़ता है और मेटाबोलिज्म से लेकर दिल और पेट की गंभीर बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। मेडिसीन विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतर प्लास्टिक बोतलों में पॉलीएथिलीन टेरेफ्थेलेट (पेट) नामक पदार्थ होता है, जो गर्मी में प्रतिक्रिया कर खतरनाक केमिकल्स को छोड़ने लगता है। बीपीए एक एंडोक्राइन डिसरप्टर होता है, जो हार्मोन के संतुलन को बिगाड़ देता है। इससे शरीर की कार्यप्रणाली बाधित होती है, जैसे मेटाबोलिज्म की गड़बड़ी, हृदय रोग, और इंसुलिन रेजिस्टेंस। दूसरी ओर, एंटिमनी नामक धातु पेट के एंजाइम्स को नुकसान पहुंचाकर टॉक्सिन उत्पन्न करती है, जिससे पाचन तंत्र पर असर पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि गर्म कार में प्लास्टिक की बोतलें छोड़ने और उनसे पानी पीने की आदत को तुरंत बदल लेना चाहिए। सुदामा/ईएमएस 08 मई 2025