नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत ने समय के साथ हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रगति की है, लेकिन एक उत्पाद ऐसा है, जिसके लिए देश आज भी पाकिस्तान पर निर्भर है सेंधा नमक। सेंधा नमक, जिसे रॉक साल्ट या लाहौरी नमक भी कहा जाता है, भारत में व्रत और त्योहारों के दौरान उपयोग में लाया जाता है। यह शुद्धता के कारण धार्मिक महत्व रखता है, लेकिन भारत में इसका कोई बड़ा प्राकृतिक स्रोत नहीं है। यही वजह है कि भारत को यह नमक पाकिस्तान से मंगवाना पड़ता है। हालांकि बीते वर्षों में भारत ने इस निर्भरता को घटाने की कोशिशें की हैं, लेकिन पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं हो पाया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित खेवड़ा नमक खदान इस मामले में प्रमुख स्रोत है। यह खदान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी और सबसे पुरानी रॉक साल्ट खदान मानी जाती है। खेवड़ा समेत वर्चा, जट्टा और कोरक खदानों से हर साल लाखों टन सेंधा नमक निकाला जाता है। अनुमान है कि खेवड़ा खदान में इतना भंडार है कि 450 साल तक नमक की आपूर्ति की जा सकती है। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाते हुए अटारी-वाघा बॉर्डर स्थित एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। बता दें कि कश्मीर में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है। भारत-पाक के मध्य बढ़ते तनाव के बीच यह कदम एक कड़ा राजनीतिक संदेश भी माना जा रहा है। अटारी चेक पोस्ट के ज़रिए भारत पाकिस्तान को सोयाबीन, सब्जियां, पोल्ट्री फीड, प्लास्टिक यार्न जैसी वस्तुएं निर्यात करता था, जबकि पाकिस्तान से सूखे मेवे, खजूर, सीमेंट, जिप्सम, कांच, जड़ी-बूटियां और सेंधा नमक जैसे उत्पाद आयात किए जाते थे। भारत और पाकिस्तान का रिश्ता हमेशा से ही तनावपूर्ण रहा है। दोनों देशों के बीच अब तक तीन युद्ध हो चुके हैं और आतंकवाद को लेकर भारत लगातार पाकिस्तान पर आरोप लगाता रहा है। इन हालातों में जब भी सीमा पर तनाव बढ़ता है, व्यापार सबसे पहले प्रभावित होता है। सुदामा/ईएमएस 09 मई 2025