राष्ट्रीय
09-May-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। अपनी डाइट में कुछ छोटी-छोटी चीजें शामिल कर के आप बीपी को काफी हद तक कंट्रोल में रख सकते हैं। दूध और केले का पावरफुल कॉम्बिनेशन, इसमें आपकी खूब मदद कर सकता है। खासतौर से जब आप खाली पेट दूध और केला खाते हैं, तो ये आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। केले में भरपूर मात्रा में पोटैशियम मौजूद होता है, जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करता है। दरअसल बीपी तब बढ़ता है जब हमारी बॉडी में सोडियम ज्यादा हो जाता है और वो अच्छे से बैलेंस नहीं हो पाता। ऐसे में जब आप केला खाते हैं, तो इसमें मौजूद पोटैशियम, बढ़े हुए सोडियम को बैलेंस करने का काम करता है। दूध में भी पोटैशियम मौजूद होता है, ऐसे में दूध और केला दोनों मिलकर बीपी को नॉर्मल करने में मदद करते हैं। यह बात तो आप भी अच्छे से जानते होंगे कि दूध कैल्शियम का बहुत अच्छा सोर्स है। दूध में मौजूद यही कैल्शियम हमारी नसों को रिलैक्स करने में मदद करता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह होता है और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में बना रहता है। इसलिए रोजाना जब आप दूध को अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं, तो ये आपके बीपी कंट्रोल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। केले और दूध दोनों में ही अच्छी मात्रा में मैग्नेशियम होता है, जो हार्ट हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। ये मिनरल हार्ट मसल्स को मजबूत बनाता है और उनके कार्यों को भी रेग्यूलेट करता है। इसके अलावा मैग्नीशियम, हाई बीपी के रिस्क को भी कम करता है। जिन्हें बीपी की समस्या नहीं भी है, वो लोग भी भविष्य में इससे बचने और अपने हार्ट को हेल्दी रखने के लिए दूध और केले खाने डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। केले और दूध को आप अपनी डेली डाइट का हिस्सा बना सकते हैं या चाहें तो हफ्ते में दो से तीन बार पी सकते हैं। इसे खाली पेट यानी ब्रेकफास्ट के दौरान लें। इसके लिए एक या दो पके हुए केले और लो फैट मिल्क को या तो यूं ही खा लें या फिर इनकी शेक या स्मूदी बनाकर पीएं। अगर दूध आपको सूट नहीं होता है तो आप प्लांट बेस्ड मिल्क जैसे सोया मिल्क भी ले सकते हैं। \हालांकि अगर आपका बीपी ज्यादा बढ़ा हुआ रहता है या आपको कोई और हेल्थ इश्यू भी है, तो बेहतर है कि अपने डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही इनका सेवन करें। बता दें कि ब्लड प्रेशर बढ़ना यानी हाई बीपी की समस्या आजकल बहुत कॉमन हो गई है। इसमें काफी हद तक हमारा खराब खानपान, लाइफस्टाइल और हद से ज्यादा स्ट्रेस लेने की आदत जिम्मेदार है। इसे यदि ठीक समय पर कंट्रोल ना किया जाए और लंबे समय तक कोई बीपी का मरीज बना रहे तो ये हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकता है। सुदामा/ईएमएस 09 मई 2025