नई दिल्ली (ईएमएस)। तिहाड़ जेल प्रशासन और कोर्ट प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गैंग रेप से जुड़े एक मामले में जिस आरोपी को कोर्ट से जमानत मिली थी उसकी जगह कोई दूसरा आरोपी रिहा कर दिया गया। अदालत को जब सचाई का पता चला तो कोर्ट ने गलत तरीके से रिहा हुए आरोपी को सरेंडर करने का आदेश दिया है, लेकिन आरोपी ने सरेंडर नहीं किया। दूसरा मामला जेल नंबर 8 का है। सूत्रों ने यहां एक अंडरट्रायल को रिहा कर दिया, जबकि उसका बेल आर्डर कैंसल हो चुका था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने अपनी गलती मानते हुए अदालत को पूरी जानकारी दे दी है। लापरवाही का पहला मामला कड़कड़डूमा कोर्ट का है। गैंग रेप से जुड़े मामले में बंटी उर्फ दशरथ सिंह और रमेश कुमार को आरोपी बनाया गया था। दोनों आरोपियों ने पीड़ित महिला को न्यू अशोक नगर इलाके में स्थित एक गैस एजेंसी के कमरे में ले जाकर वारदात को अंजाम दिया था। आरोप है कि बंटी ने महिला को 2 मार्च 2025 को गैस सिलिंडर लेने के लिए बुलाया था। जब महिला वहां पहुंची तो बंटी ने उसे कमरे के अंदर बुलाया। वहां रमेश कुमार नामक आरोपी पहले से मौजूद था। जांच एजेंसी के अनुसार, रमेश ने महिला के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया। बंटी ने महिला को रमेश के साथ कमरे में बंद कर बाहर से कुंडी लगा दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों ने महिला को मूंह खोलने पर उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी दी थी। महिला ने 10 मार्च को पीसीआर कॉल की थी। अगले ही दिन पुलिस ने दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था। आरोपी बंटी ने अपने वकील एसके जैन के माध्यम से जमानत अर्जी दाखिल की। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने अदालत को बताया कि यह पूरा मामला संदिग्ध है। महिला ने वारदात के सात दिन बाद पीसीआर कॉल की थी। इतना ही नहीं महिला ने अपना मेडिकल कराने से भी मना कर दिया था। लिहाजा उसके मुवक्किल को जमानत दे दी जाए। अभियान पक्ष ने जमानत अर्जी का विरोध किया था। अदालत ने 6 मई 2025 को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आरोपी बंटी उर्फ दशरथ सिंह को एक जमानती पेश करने और 30,000 रुपये के बेलबॉन्ड पर सशर्त जमानत दे दी थी। अगले दिन मंडोली जेल से बंटी उर्फ दशरथ की जगह रमेश कुमार को छोड़ दिया गया। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/09/ मई /2025