ग्वालियर ( ईएमएस ) / ग्वालियर जिले में इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेड फैसिलिटेशन कन्वेंशन सेंटर (भारत मंडपम) की स्थापना की स्वीकृति दिलाने को लेकर केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल से सांसद भारत सिंह कुशवाह ने मुलाकात की। उन्होंने श्री गोयल को ग्वालियर क्षेत्र के औद्योगिक परिदृश्य व औद्योगिकीकरण की अपार संभावनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। साथ ही कहा कि ग्वालियर में इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेड फैसिलिटेशन कन्वेंशन सेंटर (भारत मंडपम) अत्यंत उपयोगी साबित होगा। इससे क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति आयेगी। मंत्री श्री गोयल ने इस प्रस्ताव पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का भरोसा सांसद श्री कुशवाह को दिलाया। केन्द्रीय उद्योग मंत्री श्री गोयल को सांसद श्री कुशवाह ने जानकारी दी कि ग्वालियर क्षेत्र में निवेशकों की बढ़ती रुचि, भूमि की उपलब्धता तथा रोजगार के अवसरों में सकारात्मक प्रगति की वजह से ग्वालियर जिले में एक समर्पित इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेड फैसिलिटेशन कन्वेंशन सेंटर की स्थापना जरूरी है। श्री कुशवाह ने बताया कि वर्तमान में ग्वालियर संभाग में कुल 395 इकाइयों द्वारा हजारों हजार करोड़ का निवेश हुआ है, जिससे 25,194 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। ग्वालियर जिले में वर्तमान में कुल 428 औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत हैं, जिनसे 471.272 करोड़ का पूंजी निवेश है और 5 हजार 593 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है। विगत एक वर्ष में 193 नई औद्योगिक इकाइयों द्वारा भूमि चिन्हांकन किया गया है, जिससे अनुमानत: 5 हजार करोड रूपए का नवीन पूंजी निवेश और लगभग 12,000 नए रोजगार के अवसर प्रस्तावित हैं। श्री कुशवाह ने आगरा से ग्वालियर तक 6 लाइन (ग्रीन कोरिडोर) की स्वीकृति मिली है। यह कोरीडोर 5000 करोड़ कि लागत से बनेगा। इसी तरह ग्वालियर में (मैगनेट सिटी साडा औद्योगिक क्षेत्र में) 1300 करोड रूपए की लागत से 28 किलोमीटर लम्बाई में वेस्टर्न बाइपास बनने जा रहा है। ग्वालियर की भौगोलिक स्थिति विशेषकर दिल्ली-एनसीआर से समीपता इस क्षेत्र को औद्योगिक विकास हेतु उपयुक्त बनाती है। ऐसे में एक समर्पित कन्वेंशन सेंटर निवेशकों को एकल खिड़की प्रणाली के तहत अनुमतियाँ, पंजीकरण, मार्गदर्शन तथा जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने में सहायक होगा। इस कन्वेंशन सेंटर के माध्यम से निवेशकों को एकल खिड़की प्रणाली के तहत सेवाएँ, भूमि आवंटन, परियोजना पंजीकरण एवं अनुमतियों में सुविधा, निवेश सम्मेलन, व्यापार मेलों और वन-टू-वन बैठकों के आयोजन की सुविधा मिल सकेगी। साथ ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में वृद्धि, पारदर्शिता, प्रभावशीलता एवं निवेशकों के विश्वास में वृद्धि होगी।