राष्ट्रीय
10-May-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। जीभ का रंग, बनावट और सतह कई बार शरीर में छुपी गंभीर बीमारियों की ओर संकेत करता है। यहां हम पांच ऐसे संकेतों की बात कर रहे हैं, जो जीभ पर नजर आने पर सतर्क हो जाना चाहिए। अगर जीभ की सतह काली और बालों जैसी दिखने लगे, तो यह ब्लैक हेयरी टंग नामक स्थिति हो सकती है। इसमें जीभ पर मौजूद छोटे-छोटे पैपिला बढ़ जाते हैं और उनमें बैक्टीरिया या फंगस जमा हो जाते हैं। यह स्थिति आमतौर पर खराब ओरल हाइजीन, धूम्रपान, ज्यादा ऐंटीबायोटिक लेने या कमजोर इम्यून सिस्टम की वजह से होती है। हालांकि यह हानिकारक नहीं होती, लेकिन इसके इलाज के लिए सफाई और चिकित्सकीय परामर्श ज़रूरी है। यदि जीभ पर कोई लाल, चमकदार या उभरी हुई जगह लंबे समय तक बनी रहे, तो यह एरिथ्रोप्लाकिया हो सकती है। यह एक कैंसर पूर्व स्थिति है और अगर इसमें दर्द या सूजन हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। समय रहते इसे पहचान लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही आगे चलकर मुंह के कैंसर का कारण बन सकता है। एट्रोफिक ग्लोसाइटिस तब होता है जब जीभ की सतह चिकनी, चमकदार और “गंजे” जैसी हो जाती है। यह संकेत हो सकता है कि शरीर में आयरन, फोलिक एसिड या विटामिन बी12 की कमी है। इससे जुबान में जलन या दर्द हो सकता है और यह एनीमिया या न्यूरोलॉजिकल समस्या का भी इशारा देता है। अगर जीभ पर गहरी दरारें पड़ने लगें, तो यह फिशर्ड टंग हो सकता है। हालांकि हल्की दरारें सामान्य हैं, लेकिन ज्यादा और गहरी दरारें स्जोग्रेन सिंड्रोम जैसी ऑटोइम्यून बीमारी का संकेत हो सकती हैं। इसमें जलन और दर्द भी महसूस हो सकता है। जीभ पर सफेद परत या धब्बे होना कई वजहों से हो सकता है। यह ओरल थ्रश नामक फंगल इंफेक्शन हो सकता है या फिर ल्यूकोप्लाकिया, जो एक कैंसर पूर्व स्थिति है। अगर ब्रश करने के बाद भी सफेदी बनी रहे या जलन हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बता दें कि जब भी कोई मरीज डॉक्टर के पास अपनी बीमारी की जांच के कराने जाता है तो डाक्टर मरीज से मुंह खोलने को कहते हैं, तो इसका मकसद केवल गले को देखना नहीं होता, बल्कि जीभ की स्थिति को भी परखना होता है। सुदामा/ईएमएस 10 मई 2025