अंतर्राष्ट्रीय
10-May-2025
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वाशिंगटन (ईएमएस)। फ्यू रिसर्च सेंटर द्वारा दुनिया के 36 देशों में एक सर्वेक्षण कराया गया है। इस सर्वेक्षण में पेड़ पौधे जानवरों नदियों पहाड़ों आत्मा और आध्यात्मिक ऊर्जा के संबंध में सर्वे किया गया है। सर्वे में प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन देशों में धर्म को बहुत ज्यादा नहीं माना जाता है। वहां पर भी आध्यात्मिक मान्यताएं काफी मजबूती के साथ स्वीकार की जाती हैं। जापान में 53 फ़ीसदी लोग मानते हैं, जानवरों में भी आत्मा होती है। जबकि 56 फ़ीसदी लोग मानते हैं कि प्रकृति में ही आध्यात्मिक ऊर्जा है। जापान में ज्यादा लोग धर्म से जुड़े हुए नहीं हैं। स्वीडन में 7 फ़ीसदी लोग ही धर्म को अहम मानते हैं। स्वीडन के 38 फ़ीसदी लोगों का मानना है.मृत्यु के बाद पुनर्जन्म होता है। भारत के 82 फ़ीसदी लोगों ने माना है, धर्म उनके जीवन का आधार है। 91 फ़ीसदी लोगों का मानना है जानवरों पेड़ पौधों और वस्तुओं में भी आत्मा हो सकती है। भारत में 43 फीसदी लोग मृत्यु के बाद भी नया जीवन प्राप्त होता है। इस पर विश्वास करते हैं। 48 फ़ीसदी लोगों ने पुनर्जन्म की अवधारणा को स्वीकार किया है। इस सर्वे में दुनिया भर के 18 साल से 34 साल के युवाओं को शामिल किया गया था। उनके बीच सर्वे के दौरान पुनर्जन्म जैसी मान्यताओं के संबंध में सवाल किए गए थे। इस सर्वे की सबसे आश्चर्यजनक बात यह रही है। 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग भी यही विश्वास व्यक्त करते हैं, जो 18 से 34 साल के युवाओं ने व्यक्त किया है। एसजे/ईएमएस 10 मई 2025