लेख
10-May-2025
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भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान पाकिस्तानी नेताओं और सेना के अधिकारियों ने अपना पैसा दुबई भेजना शुरू कर दिया है। पिछले तीन-चार दिनों के अंदर बड़े-बड़े फौजी अफसरों ने करोड़ों रुपए की रकम दुबई के बैंकों में ट्रांसफर की है। स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान ने फॉरेन ट्रांजैक्शन को चेक किया, तो बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नेताओं और सेना के अधिकारियों द्वारा अरबों रूपया कई देशों में ट्रांसफर किया गया है। स्टेट बैंक पाकिस्तान ने सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों को विदेश पैसा भेजने के मामले में जानकारी मांगी है। पिछले चार दिनों मे पाकिस्तान से अरबों रुपया दुबई, अमरीका, कनाडा और ब्रिटेन में ट्रांसफर किया गया है। इस रकम को रियल स्टेट में बड़ी मात्रा में निवेश किया गया है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तेजी से कमजोर हो रही है। पाकिस्तान इस समय जिस गहरे आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। वह अकेले वित्तीय कुप्रबंधन का परिणाम नहीं है। पाकिस्तान में दशकों से कट्टरवाद, भ्रष्टाचार और सैन्य वर्चस्व के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बद से बदहाल स्थिति में पहुंच गई है। हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान का कर्ज 80 हजार अरब रुपये के पार पहुंच गया है। महंगाई दर 30 प्रतिशत के ऊपर पहुंच गई है। विदेशी मुद्रा भंडार न्यूनतम स्तर पर है। पाकिस्तान की आम जनता को रोटी-दूध जैसे जरूरी सामान के लिए संघर्ष कर रही है। सबसे चिंताजनक बात यह है, कि पाकिस्तान अभी भी अपनी नीतियों में बदलाव करते हुये नहीं दिख रहा। उलटे भारत से लड़ने के लिए तैयार है। पाकिस्तान की वर्तमान अर्थव्यवस्था इस बात का संकेत है। युद्ध होने से पाकिस्तान को आंतरिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मिली राहत भी बेमानी साबित हो रही है। कर्ज की किश्तों को चुकाने के लिए नए कर्ज लेने की मजबूरी पाकिस्तान की बनी हुई है। भारत के साथ युद्ध के परिदृश्य में भारत के लिए दो सबसे बड़ी चिंतायें है। पहली पाकिस्तान की आर्थिक अस्थिरता से सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवाद और घुसपैठ को बढ़ावा मिल सकता है। दूसरी चिंता चीन की है। चीन भारत की पीठ पर पीछे से वार कर रहा है। वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की गिरती साख भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करता है। भारत दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्ति है। पाकिस्तान को समझना होगा, आतंकवाद के सहारे और सेना को लोकतंत्र से ऊपर रखकर आगे नहीं बढा जा सकता है। कट्टरवाद के सहारे कोई राष्ट्र विकसित नहीं हो सकता है। पाकिस्तान को आर्थिक और राजनीतिक ढांचे में व्यापक स्तर पर बदलाव करने होंगे। अन्यथा गंभीर परिणाम झेलने के लिए पाकिस्तान को तैयार रहना होगा। पाकिस्तान के नेता और सेना के अधिकारी जिस तरह से अपना धन विदेशों में ट्रांसफर कर रहे हैं। उससे स्पष्ट है, भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध में उन्हें पाकिस्तान की कमजोरी का एहसास है। सत्ता में बैठे नेताओं और सेना के अधिकारियों पर कभी भी गाज गिर सकती है। जिसके कारण वह विदेश में पैसा ट्रांसफर कर भागने की तैयारी कर रहे हैं। स्पष्ट है, पाकिस्तान के नेता और सैन्य अधिकारी समय-समय पर पाकिस्तान छोड़कर विदेशों में शरण लेकर भ्रष्टाचार से बचते रहे है। पिछले 5 दशकों में सैकड़ों नेताओं और सेना के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगने और सत्ता से बेदखल होने पर विदेश भागकर अपने आपको सजा से बचाया है। वर्तमान में जिस तरह से नेता और सैन्य अधिकारी पाकिस्तान में जमा धन विदशों में ट्रांसफर कर रहे है। उससे स्पष्ट है पाकिस्तान की नाव डूबने जा रही है। जिसके कारण नेता और सेना के अधिकारी भागने की तैयारी कर रहे हैं। एसजे / 10 मई 25