अशोकनगर (ईएमएस)। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नाम पर अधिकारी जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार इस पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। मामला जनपद पंचायत अशोकनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत पीपरी का है, जहां सरपंच, सचिव की मिली-भगत से बड़ा भ्रष्टाचार का खेल हो रहा है। ग्राम पंचायत पीपरी सचिव द्वारा करीब 6 महीने पहले बनाये गये खेत तालाबों पर फर्जी मस्टर के जरिए मनरेगा की राशि निकाली जा रही है। जिसकी भनक मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों को भी होने के बाबजूद न तो जांच हो रही है और न ही कार्रवाई। बता दें पंचायत में करीब 5-6 माह पहले समरथ और खचौरा अहिरवार के खेत में खेत तलाब का निर्माण कराया गया था। लेकिन सरपंच, सचिव द्वारा कुछ दिन पहले ही उसी खेत तालाब में दोबारा मस्टर भरकर मनरेगा की राशि निकाल ली गई। सरपंच, सचिव द्वारा पोर्टल पर फर्जी तरीके से करीब 131 मजदूरों को खेत तालाब निर्माण करते हुए दिखाए गए। हेरानी वाली बात यह है कि करीब 5-6 माह पहले बने खेत तालाब में दोबारा मजदूर चढ़ाकर राशि निकाल ली गई परन्तु जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाना मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है। शनिवार को भी मनरेगा पोर्टल पर प्रताप सिंह का खेत तालाब निर्माण कार्य बताया गया। जिसमें 52 मजदूर काम करते बताए गए। जबकि मौके पर ना तो खेत तालाब बन रहा था ना ही मजदूर काम कर रहे थे। इस तरह ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव, इंजीनियर अजय धाकड़ की मेहरबानी से मनरेगा में भारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। और पूर्व में खुदवा दिए खेत तालाब के पोर्टल पर फर्जी मजदूर और काम चढ़ाकर शासन की राशि निकाल कर हड़प रहे हैं। ऐसा नहीं है कि जिले में बैठे अधिकारियों को इस बात का संज्ञान ना हो, पूर्व में भी ग्राम वासियों द्वारा पंचायत के निर्माण कार्यों की शिकायत की गई थी, बल्कि अखबारों में सुर्खियां बने ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार के खिलाफ न जाने क्यों जांच नहीं कराई जा रही। ईएमएस / दिनांक 10/5/025