क्षेत्रीय
10-May-2025
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डाबरी से लांजी तक 35 किमी सडक़, पीएम आवास को बनाने का दिया वचन बड़ी नदियां तब तक ही है, जब तक छोटी नदियां बारहमासी रहे-पटेल बालाघाट (ईएमएस). प्रदेश के पंचायत व ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल शनिवार को बालाघाट प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने जिले के नदियों के उद्गम स्थल का अवलोकन किया। वहीं उनकी पूजा-अर्चना भी की। बालाघाट प्रवास के दौरान उन्होंने देव , सोन और तन्नौर नदी के उद्गम स्थलों पर पूजा अर्चन किया। वहीं उन्होंने ग्रामीणों को डाबरी से लांजी तक 35 किमी सडक़ और पंचायत में 204 आवास एक साल में तैयार करने का वचन भी दिया है। इसके अलावा पंचायत में स्वीकृत आवासों को पूर्ण कराने का भी आश्वासन दिया है। केबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल बालाघाट जिले से निकलने वाली नदियों के उद्गम स्थलों का अवलोकन करने के लिए शनिवार को एक दिवसीय प्रवास पर रहे। उन्होंने नदियों के उद्गम स्थलों को जीवंत स्रोत व जल प्रवाह बनाये रखने में उनकी भूमिका को सर्वोपरि माना है। उन्होंने कहा कि नदियों के जल स्त्रोत या तो दुर्गम स्थानों पर है या पहाड़ों में है। लेकिन इनमें एक समानता है वहां जनजातीय समुदाय जरूर है। बड़ी नदियां तब तक ही बड़ी और वर्ष भर जल देने वाली नदी रहेगी जब तक छोटी नदियां बारहमासी होंगी। प्रकृति और नदियों को बचाने में जनजातीय समाज का कार्य बड़ा ही सराहनीय रहा हैं। क्योंकि वो प्रकृति से उतना ही लेते है, जितना उनके लिए जरूरी होता है। जनजातियों के व्यवहार में प्रकृति के बचाव के उपाय है। मंत्री पटेल ने देव नदी उद्गम स्थल पर रह रहे नागरिकों को यह भी वचन दिया है कि अगले साल तक डाबरी-चोरिया-घोटिया- लांजी का 35 किमी की सडक़ और पंचायत में स्वीकृत 204 पीएम आवास बनाकर तैयार करने का वचन दिया है। इस सडक़ में जो बाधाएं आ रही थी, उन्हें दूर कर लिया गया है। यहां ग्रामीणों की मांग पर 25 लाख रुपये की लागत से चोरियां में सामुदायिक भवन निर्माण की भी स्वीकृति मंच से प्रदान की। इस दौरान सांसद पारधी ने सम्बोधित करते हुए ग्रामीणों से कहा कि नदियों के उद्गम स्थलों को संवारने का कार्य पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है। जल गंगा संवर्धन अभियान आज के दौर में सबसे महत्वपूर्ण अभियान है। कार्यक्रम में कटंगी विधायक गौरव पारधी, पूर्व विधायक भगत नेताम, पुलिस अधीक्षक नगेन्द्र सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक सराफ, एसडीएम अर्पित गुप्ता सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। प्रकृति संरक्षण के लिए पौधरोपण जरुरी ग्रामीण व श्रम मंत्री पटेल ने कहा कि छिंदीटोला में सोन नदी स्थित उद्गम स्थल पर कहा कि पौधा लगाना आवश्यक नहीं है। बल्कि उसको पेड़ बनाना आज की जरूरत है। उन्होंने आव्हान किया कि कोई भी पौधा हो उसको 3 वर्ष बाद लगाते है तो उसकी पेड़ बनने की संभावना प्रबल हो जाती हैं। हममें से कोई भी ऐसा व्यक्ति नही है जो अपने लिए पौधा लगाते है। आने वाली पीढ़ी की भलाई के लिए पौधा अवश्य लगाए। उन्होंने ग्रामीणों से जल गंगा संवर्धन अभियान में अपने बच्चों के लिए पौधे जरूर लगाएं। एक पेड़ ही ऐसा है जो सिर्फ देता ही है हमसे कुछ लेता नहीं है। पेड़ से छाया तो मिलती ही है साथ ही सबसे महत्वपूर्ण तत्व ऑक्सीजन और जल के साथ लकडिय़ां मिलती है। अब तक 54 नदियों के उद्गम स्थलों तक पहुंचे मंत्री ग्रामीण विकास मंत्री पटेल ने कहा कि पिछले वर्ष मप्र शासन द्वारा 1 महीने का जल गंगा संवर्धन अभियान प्रारम्भ किया गया था। तब से ही उन्होंने नदियों के उद्गम स्थलों के अवलोकन और उनके उचित रख-रखाव की योजना बनाई है। तब से अब तक वे 54 वीं नदी के उद्गम स्थल पर पहुँचे है। 54 वीं नदी तन्नौर नदी है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश की पहचान नदियों के मायके के रूप में भी जाना जाता है। यहां से 200 नदियां निकलती है जो अन्य नदियों में मिल जाती है। भानेश साकुरे / 10 मई 2025