लेख
12-May-2025
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ऑपरेशन सिंदूर 25 जो बीते कुछ दिनों पहले हुई उसमें किसी के साहस हिम्मत और शौर्य को सलाम किया जाए तो वो निश्चित रूप से भारतीय सेनाओं को जाता है जिंदगी और मौत को बीच किसी की नहीं बल्कि देश की परवाह की आप सब टीवी पर देख रहे थे लेकिन जरा सोचिये बॉर्डर पर 24घण्टा डटे रहना कितना मुश्किल होता है ना खाने की चिंता ना सोने की ना ही परिवार की चिंता उसे आप कुछ समय के लिए अपने ऊपर ले कर देखें तो मालूम होगा कितना कठिन टास्क होता है इसलिए पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी और सीजफायर को तोड़ने के बाद भी के बादे भी पीछे ढकेला है तभी दोबारा सीजफायर पर बात बनी उनका शौक है बस तिरंगा, अपना देश और देश के प्रति समर्पण,की भावना है अमेरिका खुद ही अपनी तारीफ का पूल बांध रहा था तभी चीन ने पाकिस्तान को सपोर्ट कर दिया और पुनः पाकिस्तान को लगा, गेंद हमारे पाले में आ गया है और सीजफायर का उलंघन किया और जब पाकिस्तान को लगा सारा बेकार अस्त्र चीन से मिल रहें हैं जो मार गिराया जा रहा है तो बाद में थक कर सीजफायर को लागू करना पड़ा क्योंकि भारत का पाकिस्तान से नहीं वल्कि आतंकवादी से था जिन्होंने 9मई को 27से अधिक पर्यटक को बेरहमी से धर्म का झूठ फैलाकर हत्या कर दि अब ऐ सबाल आ रहा है कि भारत सरकार के सुरक्षा में चूक हुई लेकिन इजराइल पर जब हमास आतंकियों ने सैकड़ो लोगों से ज्यादा को क़त्ल कर दिया और 200को बंधक बना लिया जो 7अक्टूबर 23 में हुई लेकिन उसकी सबसे पावरफूल इंटेलीजेंन्सी मौसाद को भी खबर नहीं मिली देखिए इसमें होता क्या है आप किसी टूरिस्ट स्थान पर जा रहें हैं तो वहाँ मुश्किल से 2 -4 सुरक्षाकर्मी रहते हैं सब जगह कहाँ देखा होगा वो तो वहाँ के लोगों के विश्वास पर जाते हैं जिसकी अधिक जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है और जहाँ तक ऐ कहा जाता है मालूम था तो बताना चाहिए था सही नहीं कहा जा सकता है क्योंकि प्राइममिनिस्टर की हाई लेवल सुरक्षा रहती है और वो किसी कार्यक्रम के उद्देश्य से जाते हैं जरा सी चूक भारी पर सकती है और मान लीजिये बता दिया और आतंकवादी को पता चल गया तो वो सतर्क हो जायेंगे और आप ही कहेँगे रूइमर था गलत था अतः आतंकवादी भी अपनी पूरी ट्रैनिग से आते हैं और स्थानीय लोगों से बिना मिले ऐ संभव नहीं होता है जब क़ोई उसको वहाँ टिकाया होगा तो ऐ देश के साथ गद्दारी है जम्मू काश्मीर भारत का अभिन्न अंग है फिर भी पता नहीं क्यों पाकिस्तान ने इसे भी अपना दावा करता है जो खुद ही काश्मीर के कुछ हिस्सों को कब्जे में लिए हुए है और पता नहीं क्यों अमेरिका भी बेबजह इसे मुद्दा बनाता आ रहा है यही सब गलतफहमी के कारण आतंकवादी को पैर पसारने का मौका मिल गया और पाकिस्तान की सेना व आईएसआई उसका पाल पोषण बड़े प्यार से करती आ रही है अतः ऑपरेशन सिंदूर भारत को ऐ भी सिखाया है कि अब उन सब पर रहम ना करो जो बुरे वक़्त में आतंकवादी का साथ देते हैं तुर्की जब वहाँ भारी भूकंप आया तो भारत ने सबसे पहले अपनी आपदा टीम को भेजी थी लेकिन उसने पाकिस्तान को ड्रोन और जंगी जहाज मुहैया कराया और अमेरिका ने पाकिस्तान को आई एफम विश्व बैंक से हजारों करोड़ का लोन भी दिला दिया जो दिवालिया था अतः अब भारत का सही में क़ोई दोस्त है तो रूस और इजराइल जो हमेशा भारत के साथ खड़ा नजर आता है चीन से तो क़ोई सामान खरीदना ही नहीं चाहिए भारत के पास था रूस का S400 डिफेन्स सिस्टम जो बहुत से ड्रोन औऱ मिसायल को मार गिराया आज सब भारत के नए एयर डिफेंस सिस्टम S400 की बात कर रहे है जिसने सीमा पर घनघोर युद्ध आरंभ होते ही दुश्मनो द्वारा दागी गई एक भी मिसाइल या ड्रोन को भारतीय सरजमीं पर गिरने से पहले ही अद्भुत तरीके से मार गिराया l इस सिस्टम ने जो कमाल कर दिखाया है उसको देख देख कर अगर आपको गर्व महसूस हो रहा है तो इस व्यक्ति को जी भर के याद करना और हमेशा अपने दिलो में बसाए रखना भारतीय सेना के साहस को सलाम के साथ पूर्व के रक्षा मंत्री को भी सलाम. यही तो मां भारती का वो सपूत था l यही तो वो दूरदर्शी और हीरे को पहचानने की पारखी नजर रखने वाला जौहरी था जिसने रक्षा मंत्री रहते हुए सबसे पहले S400 एयर डिफेंस सिस्टम की खूबियों को बखूबी पहचान लिया था और S400 को भारत की रक्षा के लिए खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी वक्त से पहले भारत का ये अनमोल नगीना हमसे बिछड़ गया l स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर जी को ये कृतज्ञ देश भारत हमेशा याद रखेगा l कुछ लोग चले जाते है और फिर लौट के नहीं आते....पर देश के लिए ऐसा कर जाते हैं कि देश सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहता है। सादर नमन ऐसे दूरदर्शी सोच के नेता के लिए जिन्होंने आगे आने वाले खतरे से देश को उत्तम एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की नींव रखी जिसने सरहद की रक्षा की है हालांकि भारत के डी आर डी ओ द्वारा बनाए गए एयर डिफेंस सिस्टम भी जो भारत द्वारा निर्मित थे वो भी कारगर साबित हुए इसमें कुछ मीडिया ने गलत सूचना या डिफेन्स के बिना जानकारी के सूचना दि वो सही नहीं है ऐ एक सामरिक प्रणाली है हमें इसके बारे में कभी पब्लिक में शेयर नहीं करते हैं जैसे किसी ने ब्रमोहस्थ मिसाईल की सूचना दि औऱ उसकी खासियत भी बता दि जिससे विरोधी देश अब उसकी तोड़ को निकालना चाहेगा, बस सिर्फ ताकत देखो और उसकी जानकारी सेना के प्रवक्ता पर छोड़ दीजिये कभी सेना के प्रवक्ता उसकी पूर्ण जानकारी साझा नहीं करेंगे ऐ सुपरसोनिक है या हायपरसोनिक इससे हमें क्या मतलब हम जंग में अपनी बहादुरी औऱ टेक्नोलॉजी दोनों का इस्तेमाल कर रहें हैं और हमारा लक्ष्य टारगेट को हिट किया बस इतना ही बताना चाहिए युद्ध में आजकल एक देश दूसरे देश पर फोस्फोरस बम का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कभी बोलते नहीं है किस मिसायल की मारक क्षमता कितनी है इसे हम जानकारी साझा क्यों करें, अमेरिका केवल ट्वीट ही किया बीच में कूद पड़ा ऐ सही नहीं है भारत एक आत्मनिर्भर देश है और 140 करोड़ लोगों का शांतिपूर्ण देश है और कभी किसी देश की आत्मरक्षा को बनाए रखता है और मित्रता चाहता है पहले जो 2008 में मुंबई में आतंकी हमले हुए वो तो कितनों का जान ले लिया और इसकी रूपरेखा 6महीने पहले से ताज होटल में बारूद रखें गए उस समय पाकिस्तान का पूरा हाथ था लेकिन उस समय केवल डोसीयर सौंप कर ही अपने घुटने टेक दिए लेकिन भारत एक लोकतान्त्रिक देश है अतः इसका दोष अपने ऊपर ही आता है क्योंकि सरकार आप चुनते हैं अतः हमें हमेशा लोकतान्त्रिक प्रक्रिया पर विश्वास करना चाहिए किसी भी समस्या के लिए पूरा देश उसमें हिस्सा लेता है अतः इसका दोष सरकार पर देने से क़ोई फायदा नहीं है अगर आपको अच्छा लगता है तो चुनना नहीं तो मत चुनना लेकिन एक चीज हमेशा याद रखना भारत की सेना ही हमारी रक्षा करती है पहले लड़ाकू विमानरूस के पुराने सब मिग 21,1978 के ज़माने के थे और अब फ्रांस का भारत द्वारा 36 राफेल विमानों से लैस है, जो भारत सरकार और जेट विमानों के फ्रांसीसी निर्माता डसॉल्ट के बीच हुए सौदे के तहत 2020 और 2022 के बीच वितरित किए गए अतः देश अब रक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और डिफेन्स ही आपके देश को एक ताकतवर देश बना सकती है और ताकत के दम पर ही आपका डंका विश्व में बजेगा देश के पूर्व राष्ट्रपति अबुल कलाम ने देश को बहुत सी मिसायल टेक्नोलॉजी दि है मुस्लिम होते हुए भी एक सच्चा हिंदुस्तानी यही हमारी देश की ताकत है जो शत्रु के पूर्ण रूप से मिट्टी में मिलाएगा,हमारे जो निर्दोष नागरिक के रक्त को बहाया है तो उसका अंजाम भी भुगतना पड़ेगा इंडियन आर्मी में भर्ती इतनी आसानी से नहीं होता है ऑपरेशन सिंदूर 25 जो बीते कुछ दिनों पहले हुई उसमें किसी के साहस हिम्मत और शौर्य को सलाम किया जाए तो वो निश्चित रूप से भारतीय सेनाओं को जाता है जिंदगी और मौत को बीच किसी की नहीं बल्कि देश की परवाह की आप सब टीवी पर देख रहे थे लेकिन जरा सोचिये बॉर्डर पर 24घण्टा डटे रहना कितना मुश्किल होता है ना खाने की चिंता ना सोने की ना ही परिवार की चिंता उसे आप कुछ समय के लिए अपने ऊपर ले कर देखें तो मालूम होगा कितना कठिन टास्क होता है इसलिए पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी और सीजफायर को तोड़ने के बाद भी भारतीय सेना ने पीछे ढकेला है तभी दोबारा सीजफायर पर बात बनी उनका शौक है बस तिरंगा, अपना देश और देश के प्रति समर्पण,की भावना है अमेरिका खुद ही अपनी तारीफ का पूल बांध रहा था तभी चीन ने पाकिस्तान को सपोर्ट कर दिया और पुनः पाकिस्तान को लगा, गेंद हमारे पाले में आ गया है और सीजफायर का उलंघन किया और जब पाकिस्तान को लगा सारा बेकार अस्त्र चीन से मिल रहें हैं जो मार गिराया जा रहा है तो बाद में थक कर सीजफायर को लागू करना पड़ा क्योंकि भारत का पाकिस्तान से नहीं वल्कि आतंकवादी से था जिन्होंने 9मई को 27से अधिक पर्यटक को बेरहमी से धर्म का झूठ फैलाकर हत्या कर दि अब ऐ सबाल आ रहा है कि भारत सरकार के सुरक्षा में चूक हुई लेकिन इजराइल पर जब हमास आतंकियों ने सैकड़ो लोगों से ज्यादा को क़त्ल कर दिया और 200को बंधक बना लिया जो 7अक्टूबर 23 में हुई लेकिन उसकी सबसे पावरफूल इंटेलीजेंन्सी मौसाद को भी खबर नहीं मिली देखिए इसमें होता क्या है आप किसी टूरिस्ट स्थान पर जा रहें हैं तो वहाँ मुश्किल से 2 -4 सुरक्षाकर्मी रहते हैं सब जगह कहाँ देखा होगा वो तो वहाँ के लोगों के विश्वास पर जाते हैं जिसकी अधिक जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है और जहाँ तक ऐ कहा जाता है मालूम था तो बताना चाहिए था सही नहीं कहा जा सकता है क्योंकि प्राइममिनिस्टर की हाई लेवल सुरक्षा रहती है और वो किसी कार्यक्रम के उद्देश्य से जाते हैं जरा सी चूक भारी पर सकती है और मान लीजिये बता दिया और आतंकवादी को पता चल गया तो वो सतर्क हो जायेंगे और आप ही कहेँगे रूइमर था गलत था अतः आतंकवादी भी अपनी पूरी ट्रैनिग से आते हैं और स्थानीय लोगों से बिना मिले ऐ संभव नहीं होता है जब क़ोई उसको वहाँ टिकाया होगा तो ऐ देश के साथ गद्दारी है जम्मू काश्मीर भारत का अभिन्न अंग है फिर भी पता नहीं क्यों पाकिस्तान ने इसे भी अपना दावा करता है जो खुद ही काश्मीर के कुछ हिस्सों को कब्जे में लिए हुए है और पता नहीं क्यों अमेरिका भी बेबजह इसे मुद्दा बनाता आ रहा है यही सब गलतफहमी के कारण आतंकवादी को पैर पसारने का मौका मिल गया और पाकिस्तान की सेना व आईएसआई उसका पाल पोषण बड़े प्यार से करती आ रही है अतः ऑपरेशन सिंदूर भारत को ऐ भी सिखाया है कि अब उन सब पर रहम ना करो जो बुरे वक़्त में आतंकवादी का साथ देते हैं तुर्की जब वहाँ भारी भूकंप आया तो भारत ने सबसे पहले अपनी आपदा टीम को भेजी थी लेकिन उसने पाकिस्तान को ड्रोन और जंगी जहाज मुहैया कराया और अमेरिका ने पाकिस्तान को आई एफम विश्व बैंक से हजारों करोड़ का लोन भी दिला दिया जो दिवालिया था अतः अब भारत का सही में क़ोई दोस्त है तो रूस और इजराइल जो हमेशा भारत के साथ खड़ा नजर आता है चीन से तो क़ोई सामान खरीदना ही नहीं चाहिए भारत के पास था रूस का S400 डिफेन्स सिस्टम जो बहुत से ड्रोन औऱ मिसायल को मार गिराया आज सब भारत के नए एयर डिफेंस सिस्टम S400 की बात कर रहे है जिसने सीमा पर घनघोर युद्ध आरंभ होते ही दुश्मनो द्वारा दागी गई एक भी मिसाइल या ड्रोन को भारतीय सरजमीं पर गिरने से पहले ही अद्भुत तरीके से मार गिराया l इस सिस्टम ने जो कमाल कर दिखाया है उसको देख देख कर अगर आपको गर्व महसूस हो रहा है तो इस व्यक्ति को जी भर के याद करना और हमेशा अपने दिलो में बसाए रखना यही तो मां भारती का वो सपूत था l यही तो वो दूरदर्शी और हीरे को पहचानने की पारखी नजर रखने वाला जौहरी था जिसने रक्षा मंत्री रहते हुए सबसे पहले S400 एयर डिफेंस सिस्टम की खूबियों को बखूबी पहचान लिया था और S400 को भारत की रक्षा के लिए खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी वक्त से पहले भारत का ये अनमोल नगीना हमसे बिछड़ गया l स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर जी को ये कृतज्ञ देश भारत हमेशा याद रखेगा l कुछ लोग चले जाते है और फिर लौट के नहीं आते....पर देश के लिए ऐसा कर जाते हैं कि देश सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहता है। सादर नमन ऐसे दूरदर्शी सोच के नेता के लिए जिन्होंने आगे आने वाले खतरे से देश को उत्तम एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की नींव रखी जिसने सरहद की रक्षा की है हालांकि भारत के डी आर डी ओ द्वारा बनाए गए एयर डिफेंस सिस्टम भी जो भारत द्वारा निर्मित थे वो भी कारगर साबित हुए इसमें कुछ मीडिया ने गलत सूचना या डिफेन्स के बिना जानकारी के सूचना दि वो सही नहीं है ऐ एक सामरिक प्रणाली है हमें इसके बारे में कभी पब्लिक में शेयर नहीं करते हैं जैसे किसी ने ब्रमोहस्थ मिसाईल की सूचना दि औऱ उसकी खासियत भी बता दि जिससे विरोधी देश अब उसकी तोड़ को निकालना चाहेगा, बस सिर्फ ताकत देखो और उसकी जानकारी सेना के प्रवक्ता पर छोड़ दीजिये कभी सेना के प्रवक्ता उसकी पूर्ण जानकारी साझा नहीं करेंगे ऐ सुपरसोनिक है या हायपरसोनिक इससे हमें क्या मतलब हम जंग में अपनी बहादुरी औऱ टेक्नोलॉजी दोनों का इस्तेमाल कर रहें हैं और हमारा लक्ष्य टारगेट को हिट किया बस इतना ही बताना चाहिए युद्ध में आजकल एक देश दूसरे देश पर फोस्फोरस बम का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कभी बोलते नहीं है किस मिसायल की मारक क्षमता कितनी है इसे हम जानकारी साझा क्यों करें, अमेरिका केवल ट्वीट ही किया बीच में कूद पड़ा ऐ सही नहीं है भारत एक आत्मनिर्भर देश है और 140 करोड़ लोगों का शांतिपूर्ण देश है और कभी किसी देश की आत्मरक्षा को बनाए रखता है और मित्रता चाहता है पहले जो 2008 में मुंबई में आतंकी हमले हुए वो तो कितनों का जान ले लिया और इसकी रूपरेखा 6महीने पहले से ताज होटल में बारूद रखें गए उस समय पाकिस्तान का पूरा हाथ था लेकिन उस समय केवल डोसीयर सौंप कर ही अपने घुटने टेक दिए लेकिन भारत एक लोकतान्त्रिक देश है अतः इसका दोष अपने ऊपर ही आता है क्योंकि सरकार आप चुनते हैं अतः हमें हमेशा लोकतान्त्रिक प्रक्रिया पर विश्वास करना चाहिए किसी भी समस्या के लिए पूरा देश उसमें हिस्सा लेता है अतः इसका दोष सरकार पर देने से क़ोई फायदा नहीं है अगर आपको अच्छा लगता है तो चुनना नहीं तो मत चुनना लेकिन एक चीज हमेशा याद रखना भारत की सेना ही हमारी रक्षा करती है पहले लड़ाकू विमानरूस के पुराने सब मिग 21,1978 के ज़माने के थे और अब फ्रांस का भारत द्वारा 36 राफेल विमानों से लैस है, जो भारत सरकार और जेट विमानों के फ्रांसीसी निर्माता डसॉल्ट के बीच हुए सौदे के तहत 2020 और 2022 के बीच वितरित किए गए अतः देश अब रक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और डिफेन्स ही आपके देश को एक ताकतवर देश बना सकती है और ताकत के दम पर ही आपका डंका विश्व में बजेगा देश के पूर्व राष्ट्रपति अबुल कलाम ने देश को बहुत सी मिसायल टेक्नोलॉजी दि है मुस्लिम होते हुए भी एक सच्चा हिंदुस्तानी यही हमारी देश की ताकत है जो शत्रु के पूर्ण रूप से मिट्टी में मिलाएगा,हमारे जो निर्दोष नागरिक के रक्त को बहाया है तो उसका अंजाम भी भुगतना पड़ेगा इंडियन आर्मी में भर्ती इतनी आसानी से नहीं होता है एक बार 1995 में मैं सीडीएस एग्जाम में पास होने के बाद सेना के भोपाल सेंटर में गया जिसमें आने जाने खाने पीने सभी चीजों की सुविधा मिली पहले दिन एग्जान में कुछ 100 लड़को के एग्जाम में एक जनरल नॉलेज का टेस्ट हुआ जिसमें मैं पास हुआ कुल 20 लड़को का बैच बना जो बाद में सेकेंण्ड लेफ्टिनेंट बनते है पहले दिन जो पास नहीं किए उन्हें दोपहर का भोजन देकर विदा कर दिया दोपहर के बाद 20 का बैच बना उसमें तुरंत तुरंत कभी जनरल नॉलेज कभी रेसोनिंग, कभी इंग्लिश आदि का सब्जेक्टिव एग्जाम हुआ दूसरे दिन फिर सुबह 6बजे कैप्टन ने एक मैदान में ले गए और किसी बिषय पर परिचर्चा उसके पक्ष और विपक्ष दोनों में कराई उसके बाद 10-10 लड़को को कबड्डी की तरह एक टीम बनाई और एक दूसरे में कितना फासला में युद्ध की स्तिथि में क्या करना है समझाया गया और कुछ को तो समझ में आया ही नहीं, तीसरे दिन कमिटी द्वारा इंटरव्यू लिया गया और बहुत से क्वेश्चन पूछे लास्ट दिन फिजिकल यानी रस्सी के सहारे ऊपर चढ़ना फिर निचे कूदना औऱ 1से 10 टारगेट दिए गए मुश्किल से मेरे 6टारगेट समय पर हो गए और दोपहर के बाद इंटरव्यू बहुत से सेना के अफसर द्वारा लिया गया बाद में जिसे चुनने लायक बॉउंड्री पर था अकेले में बताया गया आप में ऐ कमी है और 1साल के समय में पूर्ण करना मुश्किल लगता है अतः 20 में से पुरे बैच में एक भी कैंडिडेट का सलेक्शन नहीं हुआ जिसमें मैं भी था अतः भारतीय सेना पर गर्व है ताकत और ज्ञान का जो भण्डार है वो किसी अन्य पद पर हमें नजर नहीं आता है क्योंकि छांटे गए कैंडिडेट में सैनिक स्कूल के भी थे । ईएमएस/12मई2025