ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश अपने लिए खुद ही मुसीबतें खड़ी करने में लगा हुआ है। कभी चाइना तो कभी पाकिस्तान से दोस्ती करता है फिर धोखा मिलते ही चुप हो जाता है फिर नई शुरुआत करता है। उसे नहीं पता कि करना क्या है। अब नेपाल से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। नोबेल पुरस्कार से नवाजे गए मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश की सत्ता मिलने के बाद से कठमुल्लों की कठपुतली की तरह काम करते दिखते रहे हैं। यूनुस के हाथ में बांग्लादेश की बागडोर आने के बाद से भारत के साथ उसके रिश्ते बिगड़ते ही गए हैं। इस बीच यूनुस ने अब भारत के 7 पूर्वोत्तर राज्यों के लिए नई बात कही है। उन्होंने बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और सात पूर्वोत्तर राज्यों को मिलाकर एक आर्थिक मोर्चे का प्रस्ताव रखा है। मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश यात्रा पर आए नेपाल की प्रतिनिधि सभा के उपसभापति से मुलाकात के दौरान यह बात कही। उन्होंने ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और परिवहन क्षेत्रों में सीमापार सहयोग को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा, ‘बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और 7 सिस्टर्स (भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों) के लिए आर्थिक योजना की जरूरत है।’ उन्होंने साझा ऊर्जा और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के जरिए आपसी संबंधों को मज़बूत करने की जरूरत जताई। इस बैठक में बांग्लादेश, नेपाल और भारत के बीच हाल ही में हुई पावर सेल्स एग्रीमेंट पर भी चर्चा हुई, जिसके तहत भारत के ग्रिड के जरिये नेपाल से बांग्लादेश को 40 मेगावाट जलविद्युत की सप्लाई की जा रही है।मुहम्मद यूनुस ने बताया कि बांग्लादेश केवल ऊर्जा ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवा को भी साझा नजरिये से देखता है। उन्होंने कहा, ‘रंगपुर में बन रहा 1000 बिस्तरों वाला सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल नेपाल और भूटान के मरीजों के लिए भी खुला रहेगा। हम क्षेत्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा और साझा समृद्धि में विश्वास रखते हैं। मुहम्मद यूनुस के पुराने बयान भी इस मौके पर चर्चा में रहे। दरअसल, चीन की यात्रा के दौरान यूनुस ने बांग्लादेश को चीन के लिए उत्पादन, लॉजिस्टिक्स और व्यापार का क्षेत्रीय केंद्र बनाने की पैरवी की थी। उन्होंने कहा था, ‘पूर्वोत्तर भारत के सात राज्य लैंडलॉक्ड हैं। उनके पास समुद्र तक पहुंच नहीं है। हम ही उनके लिए समुद्र का दरवाजा हैं। वीरेंद्र/ईएमएस 15 मई 2025
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