लंदन (ईएमएस)। लंदन से 40 किलोमीटर दूर एक ऐसी ही जगह है जिसे डेडमैंस आइलैंड यानी मुर्दों का द्वीप कहा जाता है। इसका इतिहास इतना भयानक है कि यहां की तस्वीरें देख कर कोई भी डर से कांप सकता है। यही कारण है कि यह स्थान भूतिया और डरावनी जगह के रूप में जाना जाता है, और इसके बारे में सुनकर ही किसी की भी रूह कांप सकती है 18वीं और 19वीं सदी के बीच इस द्वीप पर कई दर्दनाक घटनाएं हुईं। उस समय यहां कैदियों को लाकर छोड़ा जाता था, जिन्हें मरने के लिए वहीं छोड़ दिया जाता था। इन कैदियों के शरीर धीरे-धीरे खत्म हो गए और अब इस द्वीप पर उनकी हड्डियां, दांत और अन्य अवशेष बिखरे हुए हैं। यही कारण है कि इसे मुर्दों का द्वीप कहा जाता है। आज भी इस स्थान पर इंसानी अवशेष बिखरे हुए हैं और उनकी तस्वीरें देख कर किसी भी इंसान की नींद उड़ सकती है। इस द्वीप के बारे में कई डरावनी कहानियां प्रचलित हैं। कुछ लोग मानते हैं कि यहां सिर्फ मुर्दों का ही राज चलता था, तो कुछ लोग यह कहते हैं कि दानवों ने इस द्वीप पर आकर लोगों को खा लिया और उनका दिमाग चुरा लिया। हालांकि, इतिहास यह बताता है कि इस द्वीप पर 200 साल तक कैदी रखे गए थे। इन्हें तैरते हुए जहाजों में लाया जाता था और इनमें छोटे बच्चे भी शामिल होते थे, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया भेजा जाता था। जो लोग बीमार पड़ जाते थे, वे जहाज के डेक पर ही मर जाते थे और फिर उनकी लाशों को यहीं दफना दिया जाता था। आज इस द्वीप पर जाने का कोई रास्ता नहीं है, और पिछले 200 वर्षों से यहां कोई नहीं गया। सुदामा/ईएमएस 15 मई 2025