15-May-2025


- ग्रामीण आदिवासियों पर बरसेगा पैसे भोपाल (ईएमएस)। जंगलों में पाया जाने वाला एक ऐसा पेड़ जो हजारों ग्रामीण और आदिवासियों के लिए रोजी-रोटी देता है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं तेंदू के पेड़ की। गर्मी का मौसम आते ही तेंदू के पत्ते की तुड़ाई चालू हो जाती है। गांव में रहने वाले हजारों परिवार इस तेंदूपत्ते के जरिए पूरे साल भर के खर्च का जुगाड़ कर लेते हैं। इसलिए तेंदुपत्ता को आदिवासियों का हरा सोना भी कहा जाता है। गर्मी के दिनों में पैसे बरसाता है तेंदूपत्ता गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ मार्च-अप्रैल के महीने में तेंदू के पेड़ पर हरे पत्ते आने शुरू हो जाते हैं। वहीं, मई के प्रथम सप्ताह में इसकी तुड़ाई चालू हो जाती है, जो करीब जून के प्रथम सप्ताह तक चलती है। गांव और जंगल किनारे रहने वाले परिवारों के लिए इन दिनों तेंदूपत्ता आय का एक बेहतर स्रोत होता है। घर का पूरा परिवार मिलकर इस काम में जुड़ जाता है, जिससे उन्हें अच्छी इनकम होती है। सहकारी समिति के द्वारा तेंदूपत्ता को खरीदा जाता है और एक निश्चित खरीद पर ग्रामिणों को बोनस भी दिया जाता है। मौसम में बदलाव डाल रहा है खलल तेंदूपत्ता संग्रहण जल्द ही शुरू होने वाला है लेकिन इससे पहले ही मौमस का डर सता रहा है। दरअसल, तेज तापमान तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए ठीक होता है। लेकिन मौसम में ठंडक होने के कारण अब तेंदूपत्ता पर असर पड़ रहा है। वन अधिकारियों ने बताया कि शाख कर्तन के बाद से लगातार मौसम का अच्छा साथ मिलता रहा है लेकिन पिछले कुछ दिनों से मौसम में आए बदलाव के कारण पत्तों में असर पडऩे की संभावना बढ़ी है। बारिश से पत्तों में बीमारी का खतरा अधिकारियों ने बताया कि अब भी तेंदू के पत्ते लाल हैं, जिसके कारण अधिक तापमान की जरूरत है। यदि ऐसा ही मौसम रहता है और बारिश होती है तो पत्तों में बीमारी लगने का खतरा रहता है। बारिश के कारण ऐसे हालात बन रहे हैं। इसको लेकर वन अधिकारी ने बताया कि मौसम ने यदि साथ दिया और बारिश के हालत नहीं बनते हैं तो तेंदूपत्ता का संग्रहण दिए गए लक्ष्य के अनुसार हो जाएगा। तेंदूपत्ता संग्रहण में छिंदवाड़ा टॉप पर हर साल की तुलना में इस बार तीनों वन मंडलों की समितियों को पिछले साल किए गए तेंदूपत्ता संग्रहण के औसत बोरे से करीब 10 से 20 फीसदी अधिक का लक्ष्य मिला है। इस बार तीनों वनमंडल की समितियां करीब 49 हजार 318 बोरे तेंदूपत्ता का संग्रहण करेंगे। पिछले साल पूर्व वन मंडल में 13 हजार 980 बोरे और दक्षिण वन मंडल में 14500 बोरे तेंदूपत्ता के संग्रहण का लक्ष्य था, जबकि इस वर्ष लक्ष्य को बढ़ाकर 15 हजार 123 बोरे कर दिया गया है। बीड़ी बनाने के काम आता है तेंदूपत्ता तेंदूपत्ता का मुख्य रूप से बीड़ी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। खास बात यह है कि तेंदू पत्ता जब इक_ा किया जाता है तो उसके बाद इसे खास तरीके से सुखाया जाता है ताकि यह पत्ता हरा ही दिखे और इसकी नसे मोटी होनी चाहिए। इस प्रकार का पत्ता उच्च क्वालिटी का कहलाता है जिसके दाम भी अधिक मिलते हैं। सरकार और ग्रामीणों की कमाई का जरिया है तेंदूपत्ता तेंदूपत्ता ग्रामीण आदिवासियों के साथ-साथ सरकार की भी कमाई का जरिया है। जंगलों और बंजर जमीन में उगने वाले तेंदू के पेड़ के पत्ते को गर्मी के दिनों में सरकार के द्वारा ग्रामीणों से इक_ा कराया जाता है। इसके बाद वन विभाग इन पत्तों को खरीदता है। सरकार इन पत्तों के बदले में ग्रामीण आदिवासियों को बोनस देती है। फिर यही पत्ते सरकार के द्वारा बीड़ी बनाने के लिए उद्योगपतियों को बेचे जाते हैं। इस तरह से तेंदूपत्ता सरकार के साथ-साथ ग्रामीणों की भी आमदनी का जरिया है। विनोद / 15 मई 25