-जेलेंस्की ने कहा पुतिन से ही करेंगे बात, अधिकारियों से कोई बातचीत नहीं मास्को,(ईएमएस)। रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में तुर्की में वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ शांति वार्ता में शामिल होने पर अपनी सहमति जताई थी तो दुनिया को लग रहा था कि रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म हो जाएगा, लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि पुतिन ने इस शांति वार्ता में शामिल होने से इनकार कर दिया है। वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि जब तक पुतिन नहीं आते हैं तो वह भी इस वार्ता में शामिल नहीं होंगे। पुतिन के इस फैसले के पीछे मुख्य वजह यह मानी जा रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस वार्ता में शामिल होने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन दोनों देशों के बीच सहमति बनती है तो ट्रंप इसका श्रेय लेने की कोशिश करते। जैसा कि भारत-पाक सीजफायर का ट्रंप श्रय ले रहे हैं। सूत्रों का मानना है कि पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को कूटनीतिक स्तर पर किसी भी तरह की बढ़ने नहीं देना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने न केवल खुद को इस वार्ता से दूर रखा, बल्कि अपने वरिष्ठ राजनयिकों को भी इसमें शामिल होने से मना कर दिया। डिप्टी स्तर के कुछ मंत्रियों और अधिकारियों को जरूर भेजने की बात कही। बुधवार को क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि रूस ने शांति वार्ता के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल की सूची जारी की है। इसमें ना तो पुतिन शामिल हो रहे हैं और ना ही विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव। रूस ने किसी वरिष्ठ अधिकारी को भी इसमें भेजना का फैसला टाल दिया है। हालांकि एक प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात जरूर कही है, जिसमें पुतिन के सलाहकार और प्रचार रणनीतिकार व्लादिमीर मेडिंस्की, उप विदेश मंत्री मिखाइल गैलुजिन, सैन्य खुफिया प्रमुख इगोर कोस्त्युकोव और उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन शामिल होंगे। पुतिन के इस फैसल पर यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने पुतिन के साथ संभावित बैठक से पहले यह कहकर दांव बढ़ा दिया कि वह राष्ट्रपति के अलावा किसी अन्य रूसी प्रतिनिधि से बातचीत नहीं करेंगे। जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पुतिन से मिलने के आग्रह के बाद ही तुर्की की यात्रा करेंगे। जेलेंस्की ने कहा कि युद्धविराम समझौते के अलावा कुछ भी विफल ही साबित होगा। ऐसे में अगर दोनों देशों के प्रमुख के बगैर यह वार्ता होती है तो इसका खास संदेश नहीं जाएगा। हालांकि एक तर्क भी दिया जा रहा है कि पुतिन द्वारा स्वयं को वार्ता से दूर रखना इस बात का संकेत है कि रूस वार्ता को केवल एक औपचारिक प्रक्रिया मानता है, ना कि वास्तविक समाधान की दिशा में ठोस कदम। सिराज/ईएमएस 15मई25