कोरबा (ईएमएस) कोरबा पिरामल फाउंडेशन के गांधी फेलोज द्वारा संचालित पंचायत स्तरीय शिक्षा कार्यक्रम ने जिले के चार विकासखंडों करतला, कोरबा, कनकी और कटघोरा में शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई में सुधार लाना और शिक्षा के प्रति जन-जागरूकता फैलाना था। शिक्षा की ओर बढ़ते कदम गांवों में मोहल्ला क्लास, बाल पुस्तकालय, बाल संसद और लर्निंग कॉर्नर जैसे नवाचारों ने शिक्षा को सरल, सुलभ और बच्चों के लिए रुचिकर बनाया। इसके अंतर्गत 46 मोहल्ला क्लासों में 50 स्वयंसेवकों ने नियमित रूप से 1585 बच्चों को पढ़ाया। इन प्रयासों से खासकर दूरदराज के पंचायतों में शिक्षा की पहुँच बेहतर हुई। कार्यक्रम के सफल संचालन के बाद दो दिवसीय प्रमाण पत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया, प्रथम दिवस ग्राम पंचायत कनकी के सुपर आर.बी. मोहल्ला क्लास में स्थानीय स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया। द्वितीय दिवस होटल हेरिटेज, कोरबा में समापन समारोह हुआ, जिसमें सभी ब्लॉकों के चयनित स्वयंसेवकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। सामाजिक बदलाव की ओर एक प्रयासयह कार्यक्रम सिर्फ बच्चों की पढ़ाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इससे समुदाय में शिक्षा के महत्व को लेकर नई सोच विकसित हुई। स्वयंसेवकों में नेतृत्व की भावना और सामाजिक जिम्मेदारी की समझ भी उभरी। स्थानीय सहभागिता से बना शिक्षा का मॉडल गांव, स्कूल और समुदाय के समन्वय से बना यह मॉडल शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसी तरह समुदाय आधारित प्रयास होते रहें, तो ग्रामीण भारत में शिक्षा की जड़ें और भी मजबूत होंगी। 16 मई / मित्तल
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