निशाना इतना सटीक पाकिस्तान को भारी सैन्य नुकसान हुआ नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की एयर डिफेंस को पंगु बनाने के लिए करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दागीं। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की कार्रवाई से असीम मुनीर की पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया। क्योंकि, इस हमले में पाकिस्तान के 13 में से 11 प्रमुख एयरबेस तबाह हो गए। भारत ने इसके पहले पाकिस्तान के रडारों को उकसाने और निष्क्रिय करने के लिए पायलट रहित ड्रोन का इस्तेमाल किया। पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की थी। इसी के जवाब में भारत ने कार्रवाई की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की सलाह पर ब्रह्मोस मिसाइल को मिशन में मुख्य हथियार के रूप में चुना गया। रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को जो श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, लुधियाना और भुज में कई सैन्य और रिहायशी ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन भारत के इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी खतरों को नाकाम कर दिया था। इसके जबाव में भारतीय सशस्त्र बलों ने अगली सुबह पाकिस्तान पर तालमेल के साथ बहुत ही सटीक और घातक हमले किए। उन्होंने लाहौर स्थित दुश्मन के एक रडार सहित पाकिस्तानी एयर डिफेंस रडारों को निशाना बनाया। 9-10 मई की रात को वायुसेना ने पाकिस्तानी वायु सेना के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमला करके अपनी जवाबी कार्रवाई और तेज कर दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि वायुसेना ने पाकिस्तानी रडारों और एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय करने के लिए पहला बिना पायलट वाले विमानों का इस्तेमाल किया। एक बार जब पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस सक्रिय हो गए, तब भारत ने उन्हें हारोप कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल करके पूरे सिस्टम को डीएक्टिवेट करके तबाह किया। इस कदम के साथ ही ब्रह्मोस और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल करके आगे के मिसाइल हमलों का रास्ता साफ हो गया। इन मिसाइलों को ले जाने वाले फाइटर जेट्स ने भारत के पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के विभिन्न ठिकानों से उड़ान भरी। इन हमलों में भारत ने पाकिस्तान के सिंध में एक हैंगर सहित महत्वपूर्ण ठिकानों को टारगेट किया। बताया जा रहा है कि इन सटीक हमलों में पाकिस्तान ने अपने कई यूएवी और एक एयर सर्विलांस प्लेन के अलावा कई महत्वपूर्ण उपकरण खो दिए। भारत की ओर से हमले इतने जोरदार थे कि पाकिस्तानी वायु सेना को नुकसान के कारण अपने विमानों को पीछे के ठिकानों पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह ऑपरेशन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान की देखरेख में हुआ। एनएसए डोभाल की सलाह पर ब्रह्मोस मिसाइल को मुख्य हथियार के रूप में चुना गया। ब्रह्मोस का इस्तेमाल भारत की बढ़ती सैन्य क्षमताओं का एक मजबूत संकेत है। ब्रह्मोस एक लंबी दूरी की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, इस भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है। यह अपनी गति और सटीकता के लिए जानी जाती है। यह मिसाइल फायर एंड फॉरगेट सिद्धांत पर काम करती है। यह लगभग मैक 3 की गति (ध्वनि की स्पीड से तीन गुना के आसपास) तक पहुंच सकती है और पूर्ण सटीकता के साथ 290 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को बर्बाद कर सकती है। इसकी टू-स्टेज प्रोपल्शन सिस्टम, स्टील्थ फीचर्स और एडवांस गाइडेंस टेक्नोलॉजी इसका पता लगाने और इसे रोकना बहुत ही मुश्किल बना देती हैं। ब्रह्मोस मिसाइल 300 किलोग्राम तक का पारंपरिक वारहेड ले जा सकती है और मिशन की आवश्यकताओं के आधार पर 15 किलोमीटर तक ऊंची या 10 मीटर तक नीची उड़ान भर सकती है। आशीष दुबे / 16 मई 2025